संभल सांसद जिया उर्रहमान बर्क कहां जाने की कर रहे थे तैयारी? सूचना मिलते ही घर पहुंच गई पुलिस
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्रहमान बर्क को पुलिस ने बरेली जाने से रोक दिया। उन्हें धारा 163 का हवाला दिया गया। बर्क बरेली में हिंसा पीड़ितों से मिलना चाहते थे। सपा ने हिंसा के बाद एक प्रतिनिधि मंडल का गठन किया था। सांसद ने कहा कि सरकार सपा कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है और बुलडोजर कार्रवाई से लोगों के अधिकारों का हनन हो रहा है।

जागरण संवाददाता, संभल। समाजवादी पार्टी की ओर से प्रतिनिधि मंडल बरेली जा रही था, जिसमें सांसद जिया उर्रहमान बर्क भी शामिल थे। जानकारी पर पुलिस उनके आवास पर पहुंच गई और शांति व सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए सांसद को बरेली नहीं जाने दिया।
उन्हाेंने कहा कि मैं वहां के लोगों का दुख दर्द सुनने के साथ ही उसमें शामिल होना चाहता हूं, लेकिन इसके साथ ही कानून का सम्मान भी करता हूं और उसे ताेड़ना भी नहीं चाहता हूं। इसलिए जब अनुमति मिलेगी तब प्रतिनिधि मंडल बनाकर जाएंगे।
मालूम हो कि 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद बरेली में हिंसा हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। साथ ही इस मामले में कई लोगों को हिरासत में भी लिया था, जिसमें तौकीर रजा समेत कई अन्य लोग भी शामिल हैं।
इस हिंसा के बाद सपा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष श्याम लाल पाल ने एक प्रतिनिधि मंडल को नियुक्त कर चार अक्टूबर को बरेली जाने तथा वहां पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका दुख दर्द जानने के साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से मिलकर समाधान कराने को कहा गया था।
साथ ही बरेली हिंसा की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को देने के लिए कहा था। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में गठित इस चौदह सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में संभल सांसद जिया उर्रहमान बर्क भी शामिल थे। जैसे ही प्रतिनिधि मंडल में सांसद के शामिल होने व बरेली जाने की जानकारी पुलिस को हुई तो वह उनके आवास पर पहुंच गई।
जहां रायसत्ती थाना प्रभारी के साथ नखासा व असमोली थाना प्रभारी निरीक्षक को भी पुलिस बल के साथ तैनात किया गया था। शनिवार को जब सांसद आवास से बरेली जाने के लिए निकले तो नखासा प्रभारी निरीक्षक व उनके साथ पुलिस कर्मियों ने उन्हें दरवाजे पर ही रोक दिया।
साथ ही वहां धारा 163 के लागू होने तथा शांति सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए जाने से रोक दिया। इस पर सांसद ने ने उनके अधिकारियों से बात की तो उन्होंने भी शांति व्यवस्था व धारा 163 के लागू होने की बात कहते हुए उन्हें नहीं जाने दिया। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद सांसद वापस आवास में लौट गए।
सपा कार्यकर्ताओं को टारगेट बनाकर घर व कारोबार पर चल रहा बुलडोजर
सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर एक प्रतिनिधि मंडल बनाया गया था। जहां हमें बरेली जाकर वहां के लोगों की पीड़ा को सुनकर एक रिपोर्ट तैयार करके उन्हें सौंपनी थी, जिससे वहां के लोगों के साथ जो नाइंसाफी हो रही है उसमें उन्हें इंसाफ मिल सके और उनके साथ ज्यादती न हो।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात में ही उनके घर पर पुलिस को लगा दिया गया था। जहां पुलिस ने घर को घेर रखा था, जिससे मैं कही घर से निकल न जाऊं। सांसद ने कहा कि मैं वहां पर जाना चाहता हूं और वहां के लोगों के दुख दर्द में शामिल होना चाहता हूं, लेकिन कानून का सम्मान भी करता हूं और मैं उसे तोड़ना भी नहीं चाहता। क्योंकि मैं जहां पर बैठ हूं वहां पर कानून को बनाया जाता है उसे तोड़ा नहीं जाता।
ऐसे में यदि अब अनुमति नहीं है तो कोई बात नहीं, बाद में जब धारा 163 हटेगी तब पार्टी की ओर से फिर प्रतिनिधि मंडल बनाकर जाएंगे। इसके साथ ही कहा कि हमें धारा 163 का हवाला देकर रोक दिया गया। यदि वहां पर हालत सामान्य हैं तो इसे लगाने की क्या जरूरत है।
प्रतिनिधि मंडल के वहां जाने का मकसद हालात को बिगाड़ना नहीं उसे सुधारना है, जिससे वहां के लोगों को इंसाफ मिल सके। बुलडोजर कार्रवाई पर बोलते हुए कहा कि इससे घर व कारोबार ही नहीं लोगों के अधिकारों को भी बुलडोजर तोड़ता है। सांसद ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों व सपा कार्यकर्ताओं को टारगेट बनाकर घर व कारोबार पर बुलडोजर चल रहा है।
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