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    UP Monkey Attack: बंदरों का बढ़ रहा आतंक, चार महीने में 1122 लोग घायल

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 08:11 PM (IST)

    संभल जिले में बंदरों का आतंक बढ़ रहा है। पिछले चार महीनों में 1122 लोग घायल हुए हैं जिनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। भैंसोड़ा गांव में स्थिति गंभीर है जहाँ बंदरों के झुंड खुलेआम घूमते हैं। ग्रामीणों को बच्चों को लाठी लेकर स्कूल भेजना पड़ता है। प्रशासन बंदरों को पकड़ने के लिए मथुरा की टीम से संपर्क कर रहा है और जल्द ही अभियान शुरू होगा।

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    बंदरों का बढ़ रहा आतंक, चार महीने में 1122 लोग घायल

    संवाद सहयोगी, संभल।  जिले में बंदरों का आतंक दिन-ब-दिन विकराल होता जा रहा है। आलम यह है कि शहर से लेकर दूरदराज गांवों तक लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं। जिला अस्पताल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। पिछले चार माह में बंदरों ने 1122 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसका आसान निशाना बन रहे हैं। जबकि प्रशासन की ओर से स्थायी समाधान के प्रयास न के बराबर नजर आ रहे हैं।

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    एक ओर जहां प्रदेश सरकार पशु-पक्षियों की सुरक्षा को लेकर योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर संभल में बंदरों की बेतहाशा बढ़ती संख्या आम जनजीवन के लिए संकट बन गई है। कस्बा सिरसी, असमोली, और शहर सहित अन्य कई क्षेत्रों में बंदरों का आतंक इस हद तक बढ़ गया है कि राह चलते लोग खासे सावधान रहते हैं।

    जिला अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2025 तक बंदरों के हमलों के कुल 1122 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश मरीजों को एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई है। वर्तमान में उनके पास लगभग 4000 वैक्सीन की उपलब्धता है। गांव भैंसोड़ा की स्थिति विशेष रूप से गंभीर बनी हुई है। यहां सैकड़ों की संख्या में बंदरों का झुंड खुलेआम घूम रहे हैं।

    ये बंदर राहगीरों के साथ ही स्कूली बच्चों पर भी झपट पड़ते हैं। ग्रामीण लोकेश कुमार बताते हैं, हर सुबह स्कूल जाते समय हमें बच्चों को लाठी लेकर भेजना पड़ता है। कई बार बंदर झुंड बनाकर बच्चों को दौड़ा लेते हैं।

    ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने स्तर पर लाठी-डंडों से बंदरों को भगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जैसे ही लोग हटते हैं, बंदर फिर से लौट आते हैं। कई बार तो ये झुंड घरों की छतों तक पहुंच जाते हैं और बच्चों व महिलाओं पर हमला कर देते हैं। सिरसी कस्बे के लोगों ने बताया कि हम छत पर कपड़े सुखाने भी नहीं जा सकते, क्योंकि बंदर हमला कर देते हैं।

    नगर पंचायत सिरसी में पहले अभियान चला था। काफी संख्या में बंदरों को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ा गया था। अब शहर में भी अभियान चलाने की तैयारी है। इसके लिए मथुरा की बंदरों को पकड़ने वाली टीम से संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। -डा. मणिभूषण तिवारी, ईओ, नगर पालिका परिषद संभल/नगर पंचायत सिरसी