'एसआईआर का विरोध बंद करें वरना...', सांसद मनोज तिवारी ने SIR को लेकर की तीखी टिप्पणी
सांसद मनोज तिवारी ने कल्कि महोत्सव में एसआईआर के विरोध पर राजनीतिक दलों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि एसआईआर का विरोध करने वाले दल अपना रवैया बदलें, अन्यथा जनता उन्हें जवाब देगी। तिवारी ने कल्कि धाम की महत्ता पर प्रकाश डाला और असम में नए कानून का समर्थन किया। उन्होंने बीएलओ की खुदकुशी पर दुख जताया, लेकिन एसआईआर कार्यक्रम को सही ठहराया।

जागरण संवाददाता, संभल। श्री कल्कि महोत्सव में पहुंचे सांसद मनोज तिवारी ने एसआइआर को लेकर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि एसआइआर का विरोध करने वाले राजनीतिक दल अपने रवैये में बदलाव लाएं, अन्यथा जनता उन्हें जवाब दे देगी।
सोमवार को कल्कि धाम में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सांसद ने आचार्य प्रमोद कृष्णम और जगद्गुरु रामभद्राचार्य के प्रति आभार जताते हुए कहा कि कल्कि धाम की महत्ता और कथा का आध्यात्मिक वातावरण अद्भुत है। उन्होंने बताया कि संसद सत्र के कारण उन्हें जल्द वापस लौटना पड़ा।
असम में नए कानून पर तिवारी ने कहा कि हर राज्य को सीमित अधिकारों के तहत अपने हिसाब से कानून बनाने का हक है और सभी राज्य अपने-अपने दायरे में काम कर रहे हैं। एसआइआर को लेकर हो रहे विरोध पर उन्होंने कहा कि कानून, चुनाव आयोग और एसआइआर को न मानने वाली मानसिकता कुत्ते के डाग से अधिक खतरनाक है।
हमें डाग से नहीं, बल्कि उसके दुरुपयोग करने वालों से खतरा है। अखिलेश या कोई भी नेता-अब विरोध छोड़ दें, वरना जनता राजनीति को मिट्टी में मिला देगी। बीएलओ की खुदकुशी के मामले पर तिवारी ने कहा कि घटना दुखद है, लेकिन जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि इससे एसआइआर कार्यक्रम पर रोक लगाने का कोई औचित्य नहीं है और वह चुनाव आयोग के साथ खड़े हैं।

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