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    Bahjoi News: यूपी के इस जिले में किसानों ने धान की खड़ी फसल पर चला दिया ट्रैक्टर, सामने आया ये कारण

    Updated: Tue, 06 Aug 2024 11:37 AM (IST)

    UP News सिंचाई के अभाव में धान की खड़ी 12 बीघा फसल पर चार किसानों ने ट्रैक्टर चला दिया। आरोप है कि बिजली की सप्लाई सुविधा अनुसार नहीं मिल रही है। वहीं डीजल के पंप अब किसानों ने खत्म कर दिए हैं। मानसून की बारिश से भी सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो सकी है। किसानों ने बिजली विभाग पर भी आरोप लगाए हैं।

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    धान की फसल पर किसानों ने ट्रैक्टर चला दिया।

    संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई/ संभल। up agriculture problems : मानसून की बेरुखी के साथ ही बिजली विभाग भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बना। किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जाए इसके लिए सरकार ने अलग से आपूर्ति की लाइन और फीडर स्थापित कर प्रत्येक गांव को जोड़ने का निर्णय लिया और कोशिश की जाती है, कि किसानों को दिन में ही आपूर्ति की जाए, जिससे उन्हें रात्रि में परेशान न होना पड़े।

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    बावजूद इसके बिजली की किल्लत न केवल आम उपभोक्ताओं को परेशान कर रही है बल्कि किसानों की कमर तोड़ रही है। जिसके चलते किसान खेतों में सूखती हुई खड़ी फसल जोतने को मजबूर हैं।

    चार किसानों ने धान की फसल कर दी नष्ट

    धनारी थाना क्षेत्र के गांव खजरा इनायतगंज में भी सोमवार को करीब चार किसानों ने अपने धान की फसल पर ट्रैक्टर से कल्टीवेटर और हैरों चलाकर नष्ट कर दिया। किसानों का दावा है कि धान की फसल में सिंचाई के लिए अत्यधिक पानी जरूरी होता है लेकिन पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से नलकूप संचारित नहीं हो रहे हैं।

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    पूर्व में डीजल इंजन पंपिंग सेट से सिंचाई की जाती थी लेकिन वह व्यवस्था अब किसानों ने खत्म कर दी है। जिसे फिर से स्थापित करने के लिए काफी खर्च करना होगा। विद्युत आपूर्ति नहीं होने से खेतों में फसल सूख गई। जिसके चलते गांव के किस विक्रम सिंह ने ढाई बीघा, पप्पू सिंह ने चार बीघा, प्रदीप कुमार ने तीन बीघा और जगपाल सिंह ने करीब ढाई बीघा धान की फसल को जोत दिया।

    धान की फसल पर ट्रैक्टर चलाते किसान।

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    क्या कहते हैं ग्राम प्रधान

    गांव के किसान सिंचाई के लिए इतने परेशान हैं कि कई बार तो बिजली घर के चक्कर काटते हैं फोन कोई भी अधिकारी नहीं उठाता है, न ही अवर अभियंता और न ही एसडीओ। दिन में तीन से चार घंटे आपूर्ति मिलती है। एक नलकूप पर कई किसान होते हैं, जिसके चलते नलकूप मालिक ही अपनी सिंचाई कर पाते हैं। देवेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान। खजरा इनायतगंज।