केसीसी किसी का, लोन भेज दिया अन्य के खाते में
गुन्नौर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दो भाइयों के एक बैंक से स्वीकृत कराए गए किसान ऋण को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। बैंक कर्मियों ने एक किसान की केसीसी की ऋण की धनराशि दूसरे किसान के खाते में स्थानांतरित कर दी। वहीं किसान बैंकों का चक्कर लगाता रहा। हारकर उन्होंने जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में शिकायत की तब राहत मिली है।

जेएनएन, सम्भल : गुन्नौर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दो भाइयों के एक बैंक से स्वीकृत कराए गए किसान ऋण को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। बैंक कर्मियों ने एक किसान की केसीसी की ऋण की धनराशि दूसरे किसान के खाते में स्थानांतरित कर दी। वहीं, किसान बैंकों का चक्कर लगाता रहा। हारकर उन्होंने जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में शिकायत की, तब राहत मिली है।
कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के गांव कादराबाद के सगे भाई जुगेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह ने जुनावई की पंजाब नेशनल बैंक से दो मार्च 2020 को किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था। दोनों भाइयों का आवेदन स्वीकृत होने के बाद बैंक ने उन्हें एक लाख 18 हजार की केसीसी ऋण स्वीकृत करते हुए पहली किस्त के रूप में 35 हजार दे दिए। शेष रकम खाते में स्थानांतरित करने का वादा किया गया लेकिन, वे चक्कर काटते रहे। बैंककर्मी बताते रहे कि उनकी धनराशि खाते में स्थानांतरित कर दी गई है। जब दोनों भाइयों को उम्मीद टूट गई तो उन्होंने जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में शिकायत की। जिस पर आयोग की ओर से बैंक को नोटिस जारी किया गया। पूरी छानबीन की गई, तो मामला प्रकाश में आया कि 80 हजार रुपये दोनों भाइयों के खाते में स्थानांतरित न करते हुए गांव के ही किसी अन्य को भेज दिए हैं। अधिवक्ता लव मोहन वाष्र्णेय ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष राम अचल यादव और सदस्य आशुतोष सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बैंक के विरुद्ध परिवाद स्वीकार किया। आदेश दिया है कि किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में 80 हजार की धनराशि जो किसी अन्य के खाते में स्थानांतरित की गई, उसका ब्याज दोनों भाई नहीं देंगे। साथ ही खाते में यह धनराशि समायोजित कराई जाएगी और दोनों किसानों को 10 हजार की धनराशि मानसिक कष्ट और पांच हजार की धनराशि बाद खर्च के रूप में भुगतान की जाएगी।
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