Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, पांच लाख श्रद्धालु पहुंचे

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 05:35 PM (IST)

    कार्तिक पूर्णिमा पर सिसौना डांडा, राजघाट और साधु मढ़ी आश्रम के गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हर-हर गंगे के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान, दीपदान और धार्मिक अनुष्ठान किए। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। राजघाट रोड पर जाम लगने से श्रद्धालुओं को परेशानी हुई।

    Hero Image

    संवाद सहयोगी, बहजोई/रजपुरा/गुन्नौर/जुनावई । गंगा मां के प्रति आस्था, विश्वास और भक्ति का ऐसा अद्भुत संगम शायद ही बार बार देखने को मिले। कार्तिक पूर्णिमा का दिन आते ही जनपद ही नहीं बल्कि दूरदराज के हर कोने से श्रद्धालु मां गंगा की गोद में स्नान करने, दीपदान करने और पुण्य अर्जित करने की चाह में निकल पड़े।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आस्था का सैलाब गंगा तटों की ओर उमड़ पड़ा हो। भोर से ही हवा में हर-हर गंगे के जयकारे गूंजने लगे और गंगा की लहरों पर तैरते दीपों की रौशनी वातावरण को आध्यात्मिक आभा से भर रही थी। श्रद्धालुओं के चेहरों पर गंगा मैया के प्रति गहरी आस्था और आत्मिक शांति का भाव झलक रहा था।

    बुधवार की सुबह चार बजे से ही जिले के सिसौना डांडा, राजघाट और जुनावई स्थित साधु मढ़ी आश्रम जैसे प्रमुख गंगा तटों पर भक्तों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। जनपद जनपद के प्रमुख घाट राजघाट पर न केवल निजी वाहनों और बसों के अलावा रोडवेज से बल्कि ट्रेन से सफर कर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने परिवारों के साथ घाटों पर पहुंचे और गंगा स्नान कर हवन-पूजन, दीपदान, गंगाजल संग्रह कर धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न किया।

    भक्ति संगीत और जयकारों की गूंज के बीच डमरू और डुगडुगी की ताल ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। सूर्योदय के साथ जैसे-जैसे रोशनी फैली, वैसे-वैसे स्नान करने वालों की कतारें बढ़ती चली गईं। दिनभर गंगा तटों पर भीड़ उमड़ती रही और शाम तक यह उत्सव अपने चरम पर रहा। प्रशासन ने मेला स्थल पर सुरक्षा और व्यवस्था के लिए कड़े इंतजाम किए थे।

    गहराई वाले क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को जाने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, वहीं महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गई। श्रद्धालुओं को एक किमी पहले वाहन रोककर पैदल स्नान घाट तक पहुंचाया गया ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।

    रजपुरा थाना क्षेत्र के गांव सिसौना डांडा गंगा घाट जहां का आयोजन जिला पंचायत के द्वारा किया जाते है वहां भी श्रद्धालुओं की हजारों की भीड़ लंबी-लंबी कारों के साथ गंगा घाट पर पहुंचती नजर आई। जहां स्नान के साथ-साथ भक्ति गीतों और आरती की धुनों ने माहौल को पूरी तरह पवित्र बना दिया।

    गंगा तट पर दीपदान का दृश्य ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो धरती तारों से जगमगा उठी हो। भक्तों ने गंगाजल भरकर आचमन किया और पुण्य लाभ अर्जित किया। साधु मढ़ी आश्रम, सांकरा घाट, असदपुर के गंगा तट पर भी हजारों श्रद्धालु जुटे, हालांकि यहां स्थानीय श्रद्धालु अधिक पहुंचे, जहां भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन हुआ।

    दोपहर पर श्रद्धालुओं की भीड़ चरम पर थी और जैसे-जैसे शाम ढलती गई श्रद्धालुओं के वापस होने का सिलसिला भी शुरू हो गया जोकि देर शाम तक जारी रहा क्योंकि कुछ श्रद्धालु एक दिन पहले ही गंगा घाट पर पहुंच गए थे और उन्होंने रात्रि विश्राम किया तो वह स्नान करने के बाद अपने घर लौट शुरू हो गए।

    राजघाट रोड पर रहा वाहनों का जमावड़ा, ट्रेन की पटरियों पर चले श्रद्धालु
    बहजोई: प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था और पार्किंग व्यवस्था के बावजूद बबराला से राजघाट के बीच मार्ग के काम चौड़े होने के चलते वाहनों का लंबा जमावड़ा रहा क्योंकि पार्किंग को एक किमी पहले बनाया गया था, जहां तक बड़े वाहन भी नहीं पहुंच पा रहे थे और छोटे वाहनों को भी पहले रोका जा रहा था।

    सुबह चार बजे के बाद से ही जाम में फंसते और रंगते हुए नजर आए। बबराला तक न केवल वाहन चालकों को और पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत हुई बल्कि जब सड़क पर जगह नहीं मिली तो श्रद्धालुओं ने रेलवे की पटरी पर चलते हुए जोखिम भरा सफर तय किया। जहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नजर आई थी और ना ही पूर्व में हुई इन घटनाओं से सबक लिया गया।

    तहसील क्षेत्र के सभी गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने शांतिपूर्ण और आस्था के साथ स्नान किया है। सभी जगह पर प्रशासनिक व्यवस्था मुस्तैद रही है और हमने भी भ्रमण किया है। एक जगह एक श्रद्धालु के डूबने की घटना हुई है, हालांकि वह प्रशासन के द्वारा बैरिके करके बनाए गए घाट से करीब 700 मीटर दूर स्नान कर रहा था।- अवधेश वर्मा एसडीएम गुन्नौर।