कोर्ट में पेश नहीं होने पर BJP नेता का भाई कपिल सिंघल 'भगोड़ा' घोषित, संपत्ति कुर्क करने की तैयारी
संभल में भाजपा नेता राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल कोर्ट में पेश नहीं हुए। न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा है। पुलिस की गिरफ्तारी की कोशिशें नाकाम रहीं। कपिल पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और अब अदालत उनकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में है। गिरफ्तारी से बचने के लिए कपिल सिंघल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिस पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी।

जागरण संवाददाता, संभल। न्यायालय से भगोड़ा घोषित किए जा चुके भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल को शुक्रवार को अदालत में हाजिर होना था, लेकिन निर्धारित तिथि तक भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुआ।
कोतवाली पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए पूरे दिन कोर्ट के बाहर तैनात रही और आने-जाने वालों पर निगरानी करती रही, जिससे पुलिस के हाथ भी खाली रहे। अब अदालत उसकी संपत्ति कुर्क करने की दिशा में आगे की कार्रवाई कर सकती है।
दरअसल, कपिल सिंघल के खिलाफ संभल कोतवाली समेत आसपास के अलग-अलग थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कैलादेवी थाने में चोरी के वाहन काटने और सीसीटीवी लगाने से जुड़ी दो प्राथमिकी दर्ज हैं। वहीं कोतवाली में धोखाधड़ी और मारपीट का मामला लंबित है।
इस मुकदमे में गिरफ्तारी से बचने के लिए कपिल ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है। इसके अलावा नखासा थाने में भी महिला के साथ मारपीट करने में एक प्राथमिकी दर्ज है। इन सभी मामलों के बावजूद कपिल लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर है और न्यायालय के सम्मन तथा वारंट को नजरअंदाज करता आ रहा है।
करीब दो माह पहले आरोपित ने संभल सिविल न्यायालय में अपने अधिवक्ता के माध्यम से आत्मसमर्पण की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन सुनवाई की तारीख आने पर खुद अदालत में हाजिर नहीं हुआ। इस पर 13 जून को न्यायालय ने उसके खिलाफ वारंट जारी किए।
इसके बाद भी आरोपित फरार ही रहा। लगातार गैरहाजिरी को देखते हुए 14 अगस्त को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विवेचक की अर्जी पर धारा 84 बीएनएसएस के तहत आदेश पारित किया था। इसमें कपिल को अदालत में पेश होने के लिए 12 सितंबर की अंतिम तिथि दी गई थी।
इसके बाद पुलिस ने दो सितंबर को आरोपित के घर के बाहर ढोल-नगाड़ों के साथ मुनादी कराई। उस दौरान खुलेआम ऐलान किया गया कि अगर कपिल सिंघल अदालत की निर्धारित तिथि तक पेश नहीं होगा तो उसकी संपत्तियों को कुर्क कर लिया जाएगा।
शुक्रवार को निर्धारित अंतिम तिथि पर भी कपिल कोर्ट नहीं पहुंचा। ऐसे में न्यायालय के आदेश पर अब उसकी संपत्ति कुर्की की कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। कपिल की न्यायालय में पेशी को लेकर कोतवाली पुलिस कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद रही।
हर आने-जाने वाले पर नजर रखी गई। ताकि पेश होने से पहले ही उसे गिरफ्तार किया जा सके। इसके लिए खुफिया पुलिस भी अधिवक्ताओं के बीच शामिल होकर उसकी तलाश करती रही, लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचा। अब पुलिस की निगाहें अदालत के आदेश पर टिकी हैं ताकि कुर्की की कार्रवाई जल्द शुरू हो सके।
हाईकोर्ट की शरण में गया आरोपित
संभल: लगातार बढ़ते दबाव और कुर्की की आशंका से बचने के लिए कपिल सिंघल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहां उसने अपनी जांच दूसरे जिले में कराए जाने की मांग रखी।
इस पर तीन सितंबर को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि संबंधित एफआइआर की जांच रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर दाखिल की जाए।
साथ ही यह भी आदेश दिया कि यदि समय पर रिपोर्ट दाखिल नहीं होती है तो विवेचक को व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष उपस्थित होना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 23 सितंबर को होगी।
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