हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब और बेटे अनौश की बढ़ रहीं मुश्किलें, अब तक दर्ज हुईं 15 FIR
हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब और उनके बेटे अनौश के खिलाफ संभल पुलिस ने एफएलसी कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में 15 एफआईआर दर्ज की हैं। आरोप है कि उन्होंने निवेशकों को 70% मुनाफे का लालच देकर भारी रकम वसूली। यह नेटवर्क दिल्ली से चल रहा था जिसमें लगभग 150 लोग फंसे हैं और 5 करोड़ से ज्यादा का निवेश है।

संवाद सहयोगी, बहजोई। हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब और उसके बेटे के खिलाफ संभल पुलिस की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। एफएलसी कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के इस मामले में अब तक 15 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि पिता पुत्र और उनके सहयोगी संभल के सैफुल ने निवेशकों को 70 प्रतिशत मुनाफा देने का झांसा देकर भारी रकम वसूली थी।
इस मामले की शुरुआत 29 अगस्त को तब हुई जब नई सराय के सैफुल के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज हुआ, जिसके बाद जावेद हबीब और अनौश का नाम खुलकर सामने आया। बीते तीन दिनों में लगातार 14 नई एफआइआर दर्ज की गई हैं, जबकि कुल शिकायतों की संख्या 30 के पार पहुंच चुकी है।
रविवार को भी चार नई रिपोर्ट दर्ज की गईं, जिनमें कैला देवी थाना क्षेत्र के गांव मूसापुर ईसापुर के सरफराज, कोतवाली संभल के गांव गोविंदपुर के माजिद हुसैन और उनकी पत्नी मजहत जमाल, हयात नगर थाना क्षेत्र के गांव चंदायन की रेहान ने शिकायत दर्ज कराई हैं।
ये सभी लोग एफएलसी कंपनी की काइन स्कीम के जरिए जुड़े और करोड़ों रुपये का निवेश किया। पुलिस ने बताया कि यह पूरा नेटवर्क दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी स्थित ए-292 पते से संचालित किया जा रहा था। फिलहाल इस प्रकरण में करीब 150 लोगों के फंसे होने का दावा किया जा रहा है और पांच करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है।
कंपनी का कारोबार गूगल और अन्य वेबसाइट से हट गया है, जहां पहले वेबसाइट पर लोगों को उनकी आईडी और सब कुछ दिखाई देता था, कितना निवेश किया गया है और कितना उनका रिटर्न आ रहा है लेकिन जैसे-जैसे कंपनी बंद हुई उसके बाद लोगों को धमकाने के बाद उनकी धनराशि वापस करने के लिए भी इंकार कर दिया गया है। लोगों के द्वारा जावेद हबीब से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात भी की गई लेकिन उनको पहली बार आश्वासन मिले मिला और बात को फिर धमकियां मिलने लगी।
जुलाई 2024 से पहले का मामला इसलिए आइपीसी का हुआ प्रयोग
भारतीय दंड संहिता के स्थान पर वर्ष 2023 में भारतीय न्याय संहिता 2023 आ चुकी है और इसे प्रदेश में जुलाई 2024 से लागू किया जा चुका है, हालांकि यह प्रकरण जुलाई 2024 से पहले के होने के चलते भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत ही रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस प्रकरण में अभियुक्तों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति हड़पना) और धारा 506 (धमकी देकर भय उत्पन्न करना) के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
धारा 420 इसलिए लगाई गई है क्योंकि अभियुक्तों ने निवेशकों को झूठे मुनाफे का लालच देकर आर्थिक ठगी की, जबकि धारा 506 इसलिए लगाई गई है क्योंकि उन्होंने शिकायत करने पर निवेशकों को धमकाया था। एफएलसी कंपनी के नाम पर चल रहे इस नेटवर्क में अब तक करोड़ों रुपये की ठगी सामने आ चुकी है और पुलिस आर्थिक अपराध शाखा की मदद से मनी ट्रेल खंगाल रही है। रायसत्ती थाने में लगातार नए मामले दर्ज हो रहे हैं और पुलिस की टीम दिल्ली और मुंबई पहुंच चुकी है।
एफएलसी कंपनी से जुड़ी ठगी के मामलों में कार्रवाई लगातार जारी है। अब तक 15 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और कई और शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिसमें बैंक खातों, निवेश रिकार्ड और डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जाएगी। यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 506 के अंतर्गत दर्ज है। -कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।
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