संभल जिले के सभी पट्टों की जांच हो, बने निषादराज स्मारक, कल्कि महोत्सव में बोले मत्स्य मंत्री
कल्कि महोत्सव में मत्स्य मंत्री डॉ. संजय प्रसाद ने कहा कि सभी पट्टों की जांच हो ताकि राजस्व संहिता का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने गरीब और मछुआ समुदाय को पट्टों का लाभ देने की बात कही। मंत्री ने कहा कि संभल में विकास हो रहा है और निषादराज पार्क बनेगा जिससे रोजगार मिलेगा।

जागरण संवाददाता, संभल। संभल कल्कि महोत्सव में पहुंचे प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री डा. संजय प्रसाद ने कहा कि अब तक हुए सभी पट्टों की जांच की जानी चाहिए और जहां उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 का उल्लंघन पाया जाए, वहां खारिजी की कार्रवाई होनी चाहिए ताकि असली हकदारों को उनका अधिकार मिल सके।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले गरीब, वंचित और मछुआ समुदाय के लोगों को पट्टों का लाभ दिया जाना चाहिए क्योंकि यही वर्ग समाज के सबसे निचले पायदान पर है और वर्षों से उपेक्षित रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में कानून व्यवस्था चौपट थी जबकि वर्तमान सरकार में अवसर सृजन, विज्ञान और रोजगार के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संभल में डीएम और एसपी के नेतृत्व में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं जो देशभर में चर्चा का विषय रहे, अब विकास के रूप में भी संभल विशेष पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य योजना, मुख्यमंत्री संपदा योजना और निषाद राज बोट योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से मछुआ समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अब मछुआ समुदाय के लोगों को बिना गारंटी केवल आधार कार्ड के जरिए लोन की सुविधा दी जा रही है ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।
उन्होंने कहा कि नदियों और तालाबों में अब माफिया गिरी का राज खत्म हो गया है, हर पांच किलोमीटर के दायरे में समितियां बनाकर मछुआ समुदाय को योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। मछुआ कल्याण योजना के तहत अन्य जातियों को भी सहायता मिलेगी और पढ़ाई के लिए अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से नजदीकी का लाभ उठाकर यहां निषादराज पार्क बनाया जाएगा ताकि स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिले। डा. प्रसाद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी समाज के विकास में पीछे न रहें, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के हवाले से उन्होंने कहा कि वे अनुसूचित जाति से भी पिछड़े हैं, इसलिए सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ें।
इस अवसर पर उप कृषि निदेशक अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जिले के गंगा किनारे बसे गांवों के 10 हजार किसान जैविक खेती अपना रहे हैं।
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