काशीपुर गांव में भेड़िये ने दो बच्चों पर किया हमला
जागरण संवाददाता, जुनावई: गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में जंगली जानवरों का ग्रामीणो के लिये लगातार भय बनता जा रहा है। गुरुवार को काशीपुर गांव में खेत पर गये किसान के तीन बच्चों पर भेड़िये ने हमला कर दिया। जिसमें दो बच्चे गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिन्हें परिजन उपचार के लिये अलीगढ़ ले गये। जिसमें प्रशान्त 4 वर्ष की स्थिति गम्भीर है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के रेंजर राजकुमार पाठक ने परिजनों से जानवर के बारे में जानकारी की तो दो भेड़िया बताये।
जुनावई: गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र में जंगली जानवरों का ग्रामीणों के लिये लगातार भय बनता जा रहा है। गुरुवार को काशीपुर गांव में खेत पर गये किसान के तीन बच्चों पर भेड़िये ने हमला कर दिया। जिसमें दो बच्चे गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिन्हें परिजन उपचार के लिये अलीगढ़ ले गये। जिसमें प्रशान्त 4 वर्ष की स्थिति गम्भीर है। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम के रेंजर राजकुमार पाठक ने परिजनों से जानवर के बारे में जानकारी की तो दो भेड़िया बताये।
घटना लगभग एक बजे की है काशीपुर गांव के इन्द्रपाल अपनी पत्नी मीरा व बेटे प्रशांत 4 वर्ष, जसवंत ढाई वर्ष तथा बेटी अंजू 6 वर्ष को लेकर काशीपुर से नगला अजमेरी ¨लक मार्ग पर गेहूं के खेत में गोबर का छिड़काव करने गये थे। मां मीरा खेत पर पहुंचने के बाद बच्चों को बुग्घी के पास छोड़ दिया और कुछ दूरी पर पानी लेने चली गई जबकि पिता दस कदम की दूरी पर खेत पर ही थे। अचानक दो भेड़ियों ने प्रशांत और जसवंत पर हमला कर दिया, लेकिन अंजू को टच नहीं किया। दोनो बच्चे लहू लुहान हो गये। पिता ने हिम्मत कर भेड़िये से बच्चों को छुड़ा तो लिया। आनन फानन में परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुन्नौर लेकर आये। प्रशांत व जसवंत की हालत गम्भीर होने पर अलीगढ़ रेफर कर दिया। यह घटना क्षेत्र में आग की तरह फेल गई। जिससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। सूचना पर गुन्नौर वन क्षेत्राधिकारी राजकुमार पाठक काशीपुर गांव इन्द्रपाल के घर पहुंचे। परिजनों से घटना की जानकारी ली। पद चिन्ह व आकार के आधार पर बच्चों को उठाने वाला जानवर भेड़िया बताया गया है। एक ¨पजरे के दम पर आदमखोर को पकड़ने का दावा
एक माह के अंदर दो मासूमों को अपना निवाला बना चुका है जानवर
जागरण संवाददाता, गुन्नौर : कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र में पिछले दो माह से लगातार आदमखोर जंगली जानवर का आतंक बना हुआ है। इंसानी खून के मुंह लगते ही जंगली जानवर आदमखोर बन गया है। वन विभाग के अफसर महज एक ¨पजरे के दम पर वन विभाग क्षेत्र में आदमखोर को पकड़ने का दावा कर रहा है।
एक जनवरी को कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के गांव हकीमपुर निवासी जोगेंद्र के तीन वर्षीय मासूम विकेश को घर के बाहर खेलते समय जंगली आदमखोर उठा ले गया। ग्रामीणों ने आसपास के जंगल मे बच्चे की तलाश की तो गांव के ही समीप गन्ने के खेत में बच्चे के अवशेष मिले। आनन-फानन में वन विभाग ने हकीमपुर गांव में जानवर को पकड़ने के लिये ¨पजरा लगा दिया। परंतु विभाग की उदासीनता के चलते 22 दिन बाद हकीमपुर के नजदीक के गांव लतीफपुर निवासी सुरेंद्र ¨सह यादव की सात वर्षीय मासूम बेटी अनीता को आदमखोर ने अपना दूसरा शिकार बना लिया। कोतवाली गुन्नौर क्षेत्र के गंगा की तलहटी मे ग्रामीण लगातार आदमखोर तेंदुआ होने की पुष्टि कर रहे हैं। परन्तु वन विभाग आदमखोर लकड़बग्गा के होने की बात कर रहा है। आदमखोर द्वारा लगातार क्षेत्र में हमले पर हमले किये जा रहे हैं। वन विभाग महज एक ¨पजरे के दम पर आदमखोर को पकड़ने का दावा कर रहा है। वन विभाग किसी हादसे के इंतजार में है। वन विभाग द्वारा किये जाने वाले प्रयास
- जंगल मे ट्रैप कैमरे लगाये जा सकते है।
- वाच टावर भी बनाये जा सकते है।
- सरकार से आदमखोर को गोली मारने के भी आदेश लिये जा सकते है।
- नशीले इंजेक्शनों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- बड़े बड़े जालों के माध्यम से आदमखोर को पकडा जा सकता है।
- ¨पजरे मे आदमखोर को फंसाने के लिये इंसान के खून से सने कपड़ों के पुतले का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- रात्रि में वन विभाग के वाहन से गश्त की जा सकती है।