Ganga Expressway: गंगा एक्सप्रेसवे पर हर 40 KM पर होंगी ये व्यवस्थाएं, फायर स्टेशन भी शामिल
गंगा एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए हर 40 किलोमीटर पर फायर स्टेशन सहित कई विशेष व्यवस्थाएं होंगी। आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी ताकि दुर्घटना की स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। सरकार का लक्ष्य है कि एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वाले लोगों को सुरक्षित और आरामदायक अनुभव मिले।
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संवाद सहयोगी, बहजोई। हाल ही में विभिन्न हाईवे और एक्सप्रेसवे पर डबल डेकर और अन्य बसों में आगजनी की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे पर जगह-जगह अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल राहत मिल सके।
इस बीच प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण अंतिम चरण में है और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अनुसार एक्सप्रेसवे पर पहले से ही लगभग हर 40 किमी की दूरी पर वे साइड इमेनिटी के तहत अग्निशमन केंद्र, पेट्रोल पंप, चिकित्सा सुविधा, विश्राम स्थल और अन्य सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा के बाद इस संबंध में कोई नया निर्माण कार्य नहीं हुआ है, क्योंकि अब तक कोई लिखित आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
जनपद में गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरी तरह से पूरा हो चुका है जबकि मेरठ से बदायूं तक के हिस्से में फिनिशिंग, पौधरोपण और सुंदरीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 594 किमी लंबा है, जिसका निर्माण अदानी एंटरप्राइजेज और आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर के संयुक्त सहयोग से किया जा रहा है। जिले में गंगा एक्सप्रेसवे का संभल खंड करीब 60 किमी लंबाई में ईसापुर से बहजोई क्षेत्र के सुनवारी गांव तक फैला है।
यूपीडा की ओर से बताया गया कि खिरनी मोइनुद्दीनपुर के निकट एक बड़ा वे साइड इमेनिटी क्षेत्र विकसित किया जा रहा है जहां पेट्रोल पंप, चिकित्सा केंद्र, अग्निशमन केंद्र और विश्राम स्थल की व्यवस्था एक साथ की जा रही है। लहरावन इंटरचेंजिंग का कार्य 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है जबकि लाइटिंग, फिनिशिंग और चिन्हांकन कार्य तेजी से प्रगति पर हैं।
दिल्ली एनसीआर से मिलेगी कनेक्टिविटी
बहजोई: लहरावन और खिरनी मोइनुद्दीनपुर पर बनाए जा रहे इंटरचेंजिंग से आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होगी। वर्ष 2019 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो 2021 में पूर्ण हो गई और अप्रैल 2022 में निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ। वर्तमान में मुख्य ट्रैक पर ब्लैकटॉपिंग, सर्विस रोड की मरम्मत, टोल प्लाजा पर उपकरणों की स्थापना और पौधरोपण अभियान जारी है। इस परियोजना से संभल सहित आसपास के जिलों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित होगा और भूमि मूल्य में वृद्धि होगी। गंगा एक्सप्रेसवे के संचालन से दिल्ली, मेरठ, मुरादाबाद, बदायूं और प्रयागराज के बीच आवागमन और अधिक सुगम होगा।
एक्सप्रेसवे पर पहले से ही हर 40 किमी की दूरी पर वे साइड इमेनिटी के तहत अग्निशमन केंद्र बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की हालिया घोषणा के संबंध में अभी कोई औपचारिक निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं, यदि आदेश मिलते हैं तो उसी के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।- राकेश कुमार मोगा, अधिशासी अभियंता, यूपीडा।

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