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    Ganga Dussehra: गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, गुन्नौर में सुबह सात बजे तक हजारों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

    गंगा दशहरा पर संभल के गुन्नौर तहसील क्षेत्र स्थित राजघाट और बबराला गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह 7 बजे तक लगभग 10 हजार श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी तैनात थे। घाटों पर बैरिकेडिंग की गई और बड़े वाहनों को योग पार्क में खड़ा कराया गया। गंगा मेले में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 05 Jun 2025 08:36 AM (IST)
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    Ganga Dussehra: गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, गुन्नौर में सुबह सात बजे तक हजारों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

    जागरण संवाददाता, संभल। गंगा दशहरा पर गुन्नौर तहसील क्षेत्र के राजघाट सहित बबराला गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अलसुबह से ही आस्था की डुबकी लगाने वालों का तांता लग गया। 

    प्रशासन के मुताबिक, सुबह सात बजे तक करीब 10 हजार श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे। घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को पहले से ही मुस्तैद कर दिया गया था।

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    बबराला स्थित राजघाट पर कोतवाली प्रभारी अखिलेश प्रधान और बबराला चौकी इंचार्ज विशाल शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कई स्थानों पर बैरिकेडिंग कर वन-वे मार्ग तैयार किया। बड़े वाहनों के घाट तक पहुंचने पर रोक लगा दी गई, जबकि उन्हें योग पार्क पर खड़ा कराया गया। 

    वहीं, डीजे पर भी पूर्ण पाबंदी रही। गंगा मेले के दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी विशेष प्रबंध किए गए। मीना बाजार में महिला पुलिसकर्मी निगरानी में तैनात रहीं, जबकि स्थानीय गोताखोरों के साथ एसडीआरएफ की टीम भी अलर्ट मोड पर रही। राजघाट के समीप उपवन पार्क के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई।

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। इस दिन गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। 

    पौराणिक विश्वास है कि इस दिन गंगा स्नान और अन्न, वस्त्र, तेल का दान करने से पितृ दोष और पापों का नाश होता है। पर्व के अवसर पर जगह-जगह शीतल जल स्टाल लगाकर श्रद्धालुओं को पानी पिलाने की व्यवस्था भी देखी गई। दिन में जगह-जगह भंडारों का आयोजन किया जाएगा।