Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संभल में किसान की मौत, चकबंदी लेखपाल पर लापरवाही और रिश्वतखोरी का आरोप

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 07:44 PM (IST)

    संभल के चिमियावली गांव में किसान रामौतार सिंह की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। परिजनों ने चकबंदी लेखपाल पर रिश्वतखोरी और लापरवाही का आरोप लगाया है, जिसके चलते किसान तनाव में थे। परिजनों का कहना है कि खतौनी के लिए लेखपाल ने पैसे लिए पर काम नहीं किया। लेखपाल ने आरोपों का खंडन किया है।

    Hero Image

    संवाद सहयोगी, संभल। हजरतनगर गढ़ी थाना क्षेत्र के गांव चिमियावली में एक किसान की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। स्वजन ने आरोप लगाया है कि चकबंदी लेखपाल की लापरवाही और रिश्वतखोरी से परेशान होकर किसान गहरे तनाव में चला गया था, जिसके चलते उसकी जान चली गई। हालांकि, स्वजन की ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    गांव चिमियावली निवासी 55 वर्षीय किसान रामौतार सिंह की रविवार रात अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। स्वजन ने बताया कि कुछ दिन से वह काफी तनाव में थे। एक माह पहले उनके तीसरे बेटे 22 वर्षीय ओमवीर की चंदौसी रोड पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

    बेटे की मौत के बाद बीमा दावा और अन्य सरकारी औपचारिकताओं के लिए खतौनी की जरूरत थी, जिसके लिए वह लगातार चकबंदी लेखपाल के पास जा रहे थे। गांव में इस समय चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। किसान रामौतार सिंह पिछले कई दिनों से खतौनी निकालने के लिए चकबंदी लेखपाल के यहां चक्कर काट रहे थे।

    भतीजे दीपक कुमार का आरोप है कि लेखपाल ने चार दिन पहले उनसे 1200 रुपये ले लिए थे और वादा किया था कि खतौनी अगले दिन दे देंगे, लेकिन उसके बाद भी टालमटोल करते रहे। रविवार की सुबह करीब 10 बजे रामौतार सिंह फिर लेखपाल के पास गए, लेकिन खतौनी न मिलने से निराश होकर शाम करीब छह बजे घर लौट आए।

    घर लौटने के बाद उन्होंने खाना खाया और लेट गए। रात करीब 10 बजे अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। स्वजन तुरंत उन्हें संभल के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई। वहीं चकबंदी लेखपाल सचिन चौधरी का कहना है कि रामौतार सिंह का फोन आया था, मैंने मीटिंग के बाद खतौनी देने की बात कही थी। उसके बाद वह आए नहीं। रुपये देने की बात गलत है।