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    39 माह की सेवा में दिखाया प्रशासनिक साहस... SDM विनय मिश्रा ने चंद दिनों में चंदौसी की सूरत बदली

    चंदौसी के एसडीएम विनय मिश्रा का चंदौली तबादला हो गया है जिससे जनता और व्यापारी निराश हैं। उन्होंने चंदौसी में अतिक्रमण हटाकर शहर की तस्वीर बदल दी थी। मिश्रा ने सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराया और कानून की समानता का परिचय दिया। आगरा-मुरादाबाद हाईवे पर मंदिर को हटाकर सड़क को चौड़ा कराने का उनका काम सराहनीय है। उनके कार्यों की वजह से उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।

    By Shiv Narayan Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 28 Jun 2025 03:07 PM (IST)
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    चंदौसी के एसडीएम विनय मिश्रा का हुआ तबादला। फाइल

    संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई। चंदौसी की तस्वीर बदलने वाले और जनपद में प्रशासनिक कार्यशैली और सख्त फैसलों के लिए चर्चित रहे एसडीएम विनय मिश्रा को चंदौली जिले के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था। शुक्रवार की शाम जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया ने उन्हें औपचारिक रूप से रिलीव कर दिया, लेकिन चंदौसी में उन्होंने जिस प्रशासनिक छाप और जनहित की पहचान बनाई, वह आने वाले समय तक लोगों की स्मृति में बनी रहेगी।

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    उनके स्थानांतरण को जनसामान्य, व्यापारियों और जागरूक नागरिकों ने एक बड़ी क्षति माना है और प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर हर अधिकारी उनके जैसा होता तो शायद हर शहर में अतिक्रमण और अव्यवस्था जैसी समस्याएं इतिहास बन चुकी होतीं। बहरहाल, उनके प्रशंसकों में मायूसी का माहौल है।

    39 माह की सेवा में दिखाया प्रशासनिक साहस, चंद दिनों में चंदौसी की सूरत बदल दी

    बता दें कि वर्ष 2022 में जनपद में आए विनय मिश्रा ने असमोली विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी के रूप में अपने काम की शुरुआत की और फिर एसडीएम संभल बनाए गए। उनके कार्यकाल में लगातार बदलाव होते रहे, लेकिन हर नई जिम्मेदारी को उन्होंने नई ऊर्जा और सख्ती के साथ निभाया। हाल ही में उन्हें एसडीएम चंदौसी के रूप में तैनात किया गया, जहां उन्होंने आते ही नगर की तस्वीर बदलने में देर नहीं की। सड़क किनारे के अतिक्रमण को पूरी तरह ध्वस्त कराना, संभल चौराहे का चौड़ीकरण, और सार्वजनिक स्थानों को कब्जा मुक्त कराना उनकी प्रशासनिक दृढ़ता का उदाहरण बना।

    अतिक्रमण हटाने की पहल की 

    चंदौसी में प्रभारी अधिशासी अधिकारी रहते हुए भी उन्होंने कई स्थानों पर पहले से ही अतिक्रमण हटाने की पहल की थी। हाल के दिनों में उन्होंने एक मस्जिद को हटवाकर नगर में कानून की समानता का उदाहरण पेश किया और यह साबित किया कि प्रशासन की नजर में कोई भी अतिक्रमणकर्ता विशेष नहीं होता। इसके अलावा उन्होंने बहजोई के इस्लामनगर चौराहे पर सरकारी भूमि पर बने 14 दुकानों के अतिक्रमणों को हटाकर शासन की मंशा को मजबूती से जमीन पर उतारा।

    उनके साहसी फैसलों की सूची में आगरा-मुरादाबाद नेशनल हाईवे पर स्थित तकरीबन 50 साल पुराने मंदिर को विस्थापित कर हाईवे को चौड़ा कराना भी शामिल रहा, जिसे वर्षों से कोई अधिकारी छूने का साहस नहीं कर पाया था। यह कार्य उन्होंने ट्रांसफर की सूचना के बाद भी पूरी निष्ठा और तत्परता से अंजाम दिया, जो उनके सेवा भाव और कर्तव्यनिष्ठा का परिचायक है।