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    सीरत-ए-रसूल को अपनाएं मुसलमान : मौलाना शाकिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 07 Aug 2018 01:23 AM (IST)

    सम्भल: शहर के हसन पैलेस में मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान की अहलिया के चेहल्लुम के मौके पर एक जल

    सीरत-ए-रसूल को अपनाएं मुसलमान : मौलाना शाकिर

    सम्भल: शहर के हसन पैलेस में मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान की अहलिया के चेहल्लुम के मौके पर एक जलसा इस्लाहे आमाल आयोजित किया गया।

    जलसे की शुरुआत कारी बदरे आलम की तिलावते कुरआन से और मौलाना ख्वानी की नाते रसूल से हुआ। मौलाना शाकिर अली नूरी ने बताया कि मुफ्ती-ए-आजम राजस्थान ने 65 साल तक दीनी इल्म से रोशन किया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में उसी वक्त अमन हो सकता है, जब हम अच्छे और नेक बनेंगे। हर शख्स खुद को सुधार ले तो समाज खुद ही अच्छा हो जाएगा। समाज को मजबूत करने के लिए आपस में भाईचारे व मोहब्बत कायम करनी होगी।

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    मुफ्ती शेर अहमद ने कहा कि सम्भल की जमीन ने मुल्क व मिल्लत को ऐसे उलेमा व काईद दिए, जिन्होंने दीनी खिदमत से लोगों को सच्चाई का रास्ता दिखाया है। उन्हीं में एक मुफ्ती अशफाक हुसैन नईमी थे।

    मुफ्ती अशफाक, सैयद नूर मियां व मौलाना फजलेहक ने भी सम्बोधित किया। हाजी मोईनउद्दीन अशरफी ने आभार व्यक्त किया। अध्यक्षता सैयद शाहिद मियां नौशाही व संचालन डॉ. हफीजुर्रहमान ने किया।

    अजमेर शरीफ से सैयद ग्यासउद्दीन चिश्ती, हाफिज सईद, हाफिज अल्लाबख्श, मुफ्ती कारी अलाउद्दीन, मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना सुलेमान अशरफ, मौलाना तौसीफ मिस्बाही, मौलाना फाजिल, मौलाना शुएब, मुफ्ती नसीम, मौलाना हाफीजुर्रहमान रजवी, मौलाना कामिल, मौलाना एहसान, मौलाना अशफाक नईमी, मौलाना हारुन, मोहम्मद शफीक अशफाकी, हाजी अली हुसैन, यासीन कादरी आदि मौजूद रहे।