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    सिस्टम की लापरवाही से 108 स्कूलों के बच्चे पी रही गंदा पानी

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 07 Apr 2022 12:58 AM (IST)

    जेएनएन बहजोई एक ओर जहां सरकार स्वच्छ पेयजल योजना के तहत सभी को साफ पीने योग्य पानी उप

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    सिस्टम की लापरवाही से 108 स्कूलों के बच्चे पी रही गंदा पानी

    जेएनएन, बहजोई : एक ओर जहां सरकार स्वच्छ पेयजल योजना के तहत सभी को साफ पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। वहीं जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को साफ व स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और वह अधिकारियों की अनदेखी के कारण दूषित पानी पीने को मजबूर है।

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    जिले में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चों को पीने को साफ पानी सरकारी व्यवस्था की लापरवाही के उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जहां जिले के 1289 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालयों में से 108 विद्यालयों में लगे नलों को रिबोर करने की जरूरत है। जहां पर बच्चे दूषित पानी पी रहे हैं। ऐसे में बच्चों के बीमार होने की आशंका बढ़ रही है तो वहीं 149 विद्यालयों में पेयजल पानी की आपूर्ति समर्सिबल के माध्यम से नहीं है। पंवासा ब्लाक के तीन स्कूलों में तो पीने के लिए नल ही नहीं है। बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल के बाहर आसपड़ोस में जाना पड़ता है। प्रधानाध्यापक इंचार्ज अध्यापक की ओर से इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को अवगत कराया भी गया है। तीन विद्यालयों में नहीं लगा है पानी पीने के लिए नल

    बहजोई : पंवासा ब्लाक क्षेत्र के गांव पृथ्वीपुर, औरंगाबाद देहरी, शेरपुर की मढैया स्थित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए कोई पेयजल व्यवस्था नहीं है। स्कूल परिसर में नल तक नहीं लगा है। ऐसे में बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल के बाहर आसपड़ोस में जाना पड़ता है।

    नलों को रिबोर कराने के लिए कई बार लिखा जा चुका है पत्र

    बहजोई : जिला समन्वयक निर्माण सचिन सक्सेना ने बताया कि बीएसए के द्वारा जिलाधिकारी, डीपीआरओ के माध्यम से ग्राम प्रधानों, सचिवों को आपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत स्कूलों में लगे नलों को रिबोर कराने के लिए कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन प्रधान व सचिव इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

    विभाग द्वारा पूर्व में भी जिलाधिकारी, डीपीआरओ को पत्र लिखकर उनके माध्यम से संबंधित से अनुरोध किया गया है। आज भी पुन पत्र लिखा जा रहा है।

    दीपिका चतुर्वेदी बीएसए, सम्भल