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    कार की EMI, गिरवी रखे थे बीवी के गहने, कर्ज में डूबे युवक ने रची दो करोड़ लूटने की साजिश, लेकिन…

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 04:25 PM (IST)

    एक कर्जग्रस्त युवक ने अपनी कार की ईएमआई और पत्नी के गहने गिरवी रखकर दो करोड़ की लूट की साजिश रची। आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस युवक का मकसद कर्ज चुकाना था। पुलिस ने साजिश का पर्दाफाश कर युवक को गिरफ्तार कर लिया, जिससे उसकी योजना विफल हो गई।

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    जागरण संवाददाता, संभल। आहुजा ग्रुप की शराब की दुकानों से रिकवरी करने वाले दो फील्ड मैनेजरों से 7.98 लाख रुपये लूटने वाले तीन बदमाशों ने घटना में प्रयुक्त वैगनार कार की एक ईएमआई किस्त भरने के साथ ही दो मोबाइल व कपड़े भी खरीदे थे।

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    वारदात का मास्टर माइंड संदीप था, जो कर्ज में डूबा में हुआ था और पहले इसी कंपनी में शराब की रिकवरी का काम कर चुका था। संदीप ने हरी आठ हजार रुपये में दो तमंचे खरीदे थे। उसने पहले लूट की, अब फिर शराब दफ्तर में दो करोड़ लूटने की योजना में पकड़े गए।

    रविवार को पुलिस अधीक्षक केके बिश्नाेई व सीओ आलोक भाटी ने पर्दाफाश करते हुए बताया कि इस वारदात का मास्टरमाइंड शराब की दुकानों की रिकवरी प्रणाली से भली-भांति परिचित आहुजा ग्रुप में पहले काम चुका संदीप निकला। कर्ज में डूबा संदीप अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखने के बाद भी उधार न उतार पाने पर अपराध के रास्ते पर उतर आया था।

    घटना 25 नवंबर की शाम की है, जब फील्ड मैनेजर राजेंद्र भाटी और गौरव चौधरी सिरसी स्थित ठेके से कैश रिकवरी कर वापस लौट रहे थे। फिरोजपुर पुल के पास पहुंचने पर दो बाइक सवार बदमाशों ने तमंचा दिखाकर उनसे रुपयों से भरा बैग और मोबाइल लूट लिए।

    पुलिस ने लूट के बाद सात टीमें गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। शहर, मुरादाबाद और अनूपशहर के 300 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। तकनीकी जांच से पुलिस आरोपियों के करीब पहुंच चुकी थी, तभी शनिवार की शाम हजरतनगर गढ़ी क्षेत्र में असली सुराग हाथ लग गया।

    वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस को बिना नंबर की बाइक पर पहले अनूपशहर थाना अंतर्गत गांव अचलपुर निवासी संदीप को पकड़ा। उसके पास चोरी की बाइक और 24,600 रुपये मिले। सख्ती से पूछताछ में उसने पूरी वारदात का खुलासा कर दिया।

    उसने बताया कि वर्ष 2019 में वह आहुजा कंपनी की शराब दुकानों से रिकवरी का काम करता था, इसलिए उसे कैश कलेक्शन का पूरा सिस्टम पता था। कर्ज बढ़ने पर उसने अपने मामा मुकेश यादव और उसके मित्र गौरव वाल्मिकी के साथ लूट की योजना बनाई।

    तीनों ने 3 नवंबर को जिरौली गांव से एक बाइक चोरी की और फिर कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव शकरपुर निवासी बोबी यादव से आठ हजार रुपये में तमंचे खरीदे। योजना के मुताबिक लूट बाइक से करने और रुपये ले जाने में वैगनार कार का इस्तेमाल करने का प्लान बनाया गया, ताकि पुलिस को शक न हो।

    25 नवंबर को मुकेश व गौरव वैगनार कार लेकर अनूपशहर से सिरसी पहुंचे, जबकि संदीप बाइक से उनकी रैकी करता रहा। फतेहउल्लाहगंज के पास स्थित शराब की 10 दुकानों पर नजर रखी गई थी, जहां से प्रतिदिन 7-8 लाख की रिकवरी होने की जानकारी थी।

    जैसे ही दोनों फील्ड मैनेजर कैश लेकर निकले, आरोपियों ने पीछा किया और फिरोजपुर पुल के पास सूनसान स्थान पर उनसे नकदी से भरा बैग और मोबाइल लूट लिए। लूट के बाद मोबाइल रास्ते में फेंक दिए गए और तीनों संदीप बाइक लेकर अपने गांव चला गया, जबकि मुकेश और गौरव वैगनार में लूट की रकम लेकर नोएडा की ओर भाग गए।

    शनिवार को संदीप की गिरफ्तारी के एक घंटे बाद ही पुलिस की आरोपित गौरव वाल्मिकी और मुकेश यादव से मोहम्मदपुर मालनी रोड पर मुठभेड़ हो गई। दोनों के दाहिने पैर में गोली लगी, जबकि पुलिस ने उनके कब्जे से वैगनार कार, दो तमंचे और 5.34 लाख रुपये बरामद किए। अब पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने इन्हें तमंचे बेचे थे।

    आरोपित संदीप ने बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि इस बार उनका लक्ष्य आहुजा ग्रुप के संभल स्थित कार्यालय में एक से दो करोड़ रुपये की रिकवरी को लूटना था, क्योंकि शनिवार और रविवार को शराब की सबसे ज्यादा बिक्री होती है, इसलिए वे शनिवार की रात संभल में रुककर कार्यालय में दोबारा वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन इससे पहले कि वे बड़ी लूट को अंजाम दे पाते, पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।

    मुकेश की फाइनेंस वाली वैगनार की 35 हजार रुपये की ईएमआई भी लूटे गए पैसों से भरी गई थी। दोनों आरोपियों ने 35-35 हजार के दो मोबाइल और कुछ कपड़े भी खरीद लिए थे।