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    यूपी के इस जिले में डॉक्टर को बच्चों के लिए कफ सिरप लिखने पर रोक, बिना पर्चे के नहीं मिलेगी दवा

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 08:18 PM (IST)

    राजस्थान और मध्यप्रदेश में कफ सीरप से बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सीरप न देने के निर्देश जारी किए गए हैं और डॉक्टरों को बिना पर्चे के सीरप बेचने पर रोक लगाई गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीएमपी प्रमाणित दवाओं के उपयोग पर जोर दिया है। विभाग राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहा है।

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    बच्चों को कफ सीरप लिखने पर रहेगी रोक।

    संवाद सहयोगी, बहजोई। राजस्थान और मध्यप्रदेश में कफ सीरप पीने से बच्चों की हुई मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सीरप न देने के स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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    इस संबंध में सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भी जारी किया गया है। हालांकि अभी विभाग इस मामले में राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहा है।

    लेकिन एहतियातन बच्चों को कफ सीरप देने पर अनौपचारिक रोक लगा दी है। साथ ही व्यवस्कों के लिए डाक्टरों का पर्चा अनिवार्य रहेगा।

    नए निर्देशों के अनुसार अब कोई भी चिकित्सक पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों को कफ सीरप नहीं लिख सकेगा। वहीं, मेडिकल स्टोर पर भी बिना पंजीकृत चिकित्सक के लिखे पर्चे के कफ सीरप की बिक्री पर रोक रहेगी।

    स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा है कि बच्चों में अधिकांश खांसी और सर्दी की बीमारियां स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाती हैं और इनमें दवा का उपयोग जरूरी नहीं होता। इसलिए दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न दी जाएं।

    पांच वर्ष से अधिक उम्र में दवा देने से पहले क्लिनिकल मूल्यांकन, सही खुराक, न्यूनतम अवधि और संयोजन से बचाव सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों और चिकित्सकीय संस्थानों से यह भी कहा है कि दवाएं सिर्फ जीएमपी (कड़े गुणवत्ता मानक) प्रमाणित और फार्मास्यूटिकल-ग्रेड सामग्री से बनी हों। साथ ही, डाक्टरों और फार्मासिस्टों को जागरूक करना जरूरी है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

    जिस कंपनी के कफ सीरप से जो बच्चों की मौत हुई है। उस सीरप की संभल एवं मुरादाबाद में कोई सप्लाई नहीं हुई है। रही बात अन्य कफ सीरप की तो इनके शीघ्र ही सैंपल लिए जाएंगे। शासन की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई है उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। -जयेंद्र कुमार, औषधि निरीक्षक।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पत्र प्राप्त हुआ है, लेकिन प्रदेश शासन की ओर से अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इसलिए अभी एहतियान अनौपचारिक रूप से चिकित्सकों से बच्चों के लिए कफ सीरप न लिखने के लिए कहा गया है। शासन की ओर से निर्देश आते हुए इस संबंध में बैठक कर डाक्टरों और फार्मासिस्टों से बात की जाएगी। -तरुण पाठक, सीएमओ।