संभल में निर्माणाधीन पुलिस चौकी की भूमि पर वक्फ का दावा करने वाले मोहम्मद खालिद का यूटर्न, SP को दिया शपथ पत्र
Sambhal News मियां सराय के रहने वाले मोहम्मद खालिद ने पहले जो दावा किया था उस पर वो पलट गया है। संभल एसपी को उसने शपथ पत्र सौंपा है जिसमें कहा है कि संबंधित भूमि हमारी नहीं सरकारी है। हमारे पूर्वज देखभाल करते थे। पुलिस चौकी के निर्माण से सबको फायदा होगा। बता दें कि जामा मस्जिद के सामने खाली पड़ी भूमि पर पुलिस चौकी बन रही है।

संवाद सहयोगी, जागरण, बहजोई/संभल। संभल में जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आया है। जिसमें इस भूमि को वक्फ बोर्ड को दान देने वाले दावे को खारिज किया गया है।
एसपी को दिए शपथ पत्र में स्वामित्व का खंडन करते हुए एक व्यक्ति ने दावा किया है कि यह भूमि उनके पूर्वजों की नहीं बल्कि सरकारी है, जिसकी देखभाल हमारे पूर्वज करते आए थे। संभल के मोहल्ला मियां सराय निवासी मोहम्मद खालिद पुत्र अब्दुल वासे मंगलवार को बहजोई स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आईजीआरएस सेल में ऑनलाइन पर्ची कटाई और उसके बाद पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई के सामने पेश हुए।
शपथ पत्र के माध्यम से किया स्पष्ट
जहां शपथ पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि इस भूमि पर उनके या उनके परिवार का कोई स्वामित्व नहीं है। यह जमीन सरकारी है और चौकी निर्माण पर उन्हें और उनके परिवार को कोई आपत्ति नहीं है। वह 92 वर्ष के हैं और उन्हें घुटनों की बीमारी के कारण लंबे समय से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनके पूर्वजों ने इस जमीन की देखभाल जरूर की थी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि यह सरकारी भूमि है, उन्होंने देखभाल छोड़ दी थी। यह जमीन सार्वजनिक कार्य के लिए खाली थी और वर्तमान में इस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। इससे उन्हें और उनके परिवार को खुशी है।
.jpg)
चौकी बनने से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहेगी
चौकी के निर्माण से सभी वर्गों को सुविधा होगी और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहेगी। साथ ही यह भी कहा कि उनके परिवार या किसी अन्य व्यक्ति का इस जमीन पर दावा करना गलत होगा। यह कभी वक्फ संपत्ति नहीं थी और न ही उनके पूर्वजों ने इसे उनके स्वामित्व की भूमि बताया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके परिवार का इस भूमि पर न वर्तमान में कोई अधिकार है और न भविष्य में होगा। फिलहाल शपथ पत्र के बाद इस परिवार ने स्पष्ट कर दिया कि उनका दावा इस भूमि पर नहीं है। जिससे अब पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद को विराम लगा है। जिससे भूमि पर बिना किसी रुकावट के चौकी का निर्माण जारी रह सकता है।
ओवैसी ने भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल किए थे उर्दू में लिखे अभिलेख
गौरतलब है कि इस भूमि को लेकर मोहम्मद खालिद के दादा अब्दुल समद की भूमि होने जा दावा किया जा रहा था। इसको लेकर डीएम के समक्ष भी शिकायत की गई थी, जिस स्थान पर चौकी बन रही है, वह वफ़्त बोर्ड की है, उसे अब्दुल समद ने दान दिया था। हालांकि इसको लेकर सीधे कोई सामने नहीं था। साथ ही 30 दिसंबर को जिले में मृतकों के पीड़ित परिवारों से मिलने आए सपा के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष भी ऐसी कुछ बातें रखी गई थी।
इसके बाद सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद अपने अधिवक्ता याकूब गामा के साथ डीएम से मिले थे और उन्होंने इस भूमि से संबंधित कुछ अभिलेख भी सौंपे थे। जिस पर जिला प्रशासन ने जांच भी की। हालांकि इसी दौरान एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा इंटरनेट मीडिया पर इस भूमि के संबंध में कुछ अभिलेख पोस्ट किए गए थे और इस वफ़्त बोर्ड का बताया गया था।
जामा मस्जिद के सामने जिस भूमि पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है, वह भूमि हमारी नहीं है।हमारे पूर्वजों की देखभाल करते आए थे, जब यह पता लगा कि यह भूमि सरकारी है तो उसकी देखभाल करना छोड़ दिया। इसी बात का शपथ पत्र हमने पुलिस अधीक्षक को दिया है। हालांकि इस संबंध में किसी ने कौन से अभिलेख अधिकारियों को दिए गए इसकी जानकारी नहीं है। मोहम्मद खालिद।
.jpg)
जामा मस्जिद के सामने जिसे खाली स्थान पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है, वहां मियां सराय के रहने वाले एक परिवार के मोहम्मद खालिद ने हमें जनसुनवाई में एक शपथ पत्र दिया है और दावा किया है कि उनके पूर्वज जिसमें उनके दादा अब्दुल समद उस जमीन की देखभाल करते आए थे, जिस पर उनका कोई स्वामित्व नहीं है और वह पूरी तरह से सरकारी है। वह वफ़्त बोर्ड की भी नहीं है। इससे चौकी निर्माण में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।