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    Sambhal Violence: मुख्य आरोपी मुल्ला अफरोज पर आरोप तय, अब 12 जून को गवाही; चार जमानत याचिकाएं हो चुकी हैं निरस्त

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 08:40 AM (IST)

    संभल हिंसा मामले में मुल्ला अफरोज गुलाम और वारिश के खिलाफ आरोप तय हो गए हैं। अदालत ने 12 जून को गवाह पेश करने का आदेश दिया है। तीनों आरोपियों पर हत्या और षडयंत्र के आरोप हैं। मुल्ला अफरोज ने अदालत में खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। उसकी पहले की जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।

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    Sambhal News: संभल हिंसा की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, चंदौसी। संभल हिंसा के दौरान फायरिंग कर हत्या करने के आरोपित शारिक साठा गिरोह के सक्रिय सदस्य मुल्ला अफरोज के साथ ही गुलाम और वारिश के खिलाफ भी जिला जज की अदालत में आरोप तय हो गए। अब इस मामले में 12 जून को गवाह पेश किए जाने हैं। खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद से मुल्ला अफरोज के चार जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किए जा चुके हैं।

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    गुरुवार को जिलाा जज दुर्ग नारायन सिंह की अदालत में मुल्ला अफरोज, गुलाम और वारिश को जेल से पेशी पर लया गया। यहां बचाव व अभियोजन पक्ष की ओर से बहस के बाद तीनों आरोपितों पर आरोप तय कर दिए गए। मुकदमा अपराध संख्या 306/24 में संभल हिंसा के दौरान मुहम्मद कैफ की हत्या में वारिश से तमंचा व कारतूस बरामदगी दिखाई गई थी। इसके साथ ही नईम की हत्या के षडयंत्र में मुकदमा अपराध संख्या 338/24 में मुल्ला अफरोज, वारिश और गुलाम के खिलाऊ पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

    मुल्ला अफरोज से मिली थी पिस्टल

    संभल हिंसा से ही जुड़े अयान हत्याकांड में मुकदमा अपराध संख्या 339/24 और विलाल की हत्या में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 340/24 में नामजद मुल्ला अफरोज से कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक पिस्टल 32 बोर तीन कारतूस और एक मोबाइल बरामद हुआ था। बाद में इसकी निशानदेही पर पुलिस पार्टी से लूटे गये 15 ब्लैंक कारतूस व तीन चार्जर क्लिप बरामद किए थे। जबकि गुलाम पर हथियारों की सप्लाई किए जाने का आरोप था, जिससे दो पिस्टल, एक तमंचा एवं बड़ी संख्या में अलग-अलग बोर के कारतूस बरामद किए गए थे।

    12 को होगी गवाही

    उक्त तीनों के खिलाफ शनिवार को आरोप तय होने थे। तीनों को जेल से लाकर जिला जज की अदालत में पेश किया गया। यहां बचाव पक्ष के साथ ही अभियोजन से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राहुल दीक्षित ने मजबूती से पक्ष रखा और कहा कि डीजीसी ने दलील दी कि गुलाम और मुल्ला अफरोज शातिर अपराधी हैं। वह कुख्यात शारिक साठा गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। इनमें गुलाम पर 22 और मुल्ला अफरोज पर 11 मुकदमे दर्ज हैं। तीनों के खिलाफ अदालत में आरोप तय हो चुके हैं अब 12 जून को इससे संबंधित गवाही होनी है।

    मुल्ला अफरोज ने कहा, वो प्रॉपर्टी का करता है काम

    इधर अदालत में मुल्ला अफरोज ने कहा कि वह प्रॉपर्टी का काम करता है। पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है पुलिस उसे घर से उठाकर लाई थी, वह तो हिंसा वाले क्षेत्र में भी नहीं गया था। इस पर अदालत ने इस मामले में मुकदमे के दौरान अपना पक्ष रखने की बात कही। पता हो कि थाना क्षेत्र के हुसैनी रोड निवासी मुल्ला अफरोज के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 333/24, 337/24, 339/24 और 340/24 में उसे ईदगाह से मंडी की तरफ जाने वाले रास्ते के मोड से रात सवा नौ बजे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

    इसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक पिस्टल 32 बोर तीन कारतूस और एक मोबाइल बरामद हुआ था। बाद में इसकी निशानदेही पर पुलिस पार्टी से लूटे गये 15 ब्लैंक कारतूस व तीन चार्जर क्लिप बरामद किए थे। इन मुकदमो में अब तक उसकी ओर से चार जमानत प्रार्थना पत्र जिला जज की अदालत में दिए गए, यह सभी निरस्त हो चुके हैं।