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    जीते-जी पिता को घर से निकाला, मरने के बाद ले जाने लगे गांव, अत्याचारी बेटों से तंग आकर मां ने बेटी से कराया अंतिम संस्कार

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    आठ साल से बेटे की अनदेखी झेल रहे पिता के निधन पर दोनों बेटे अंतिम संस्कार की औपचारिकता निभाने बदायूं से संभल आए और अर्थी को जबरन ले जाने लगे। मृतक की पत्नी और बेटी ने विरोध किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद अंतिम संस्कार बेटी ने ही किया, जिससे पिता की वास्तविक इच्छा सामने आई।    

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    जागरण संवाददाता, संभल। आठ साल से बेटों की अनदेखी के शिकार एक पिता का निधन हुआ तो दोनों बेटे बदायूं से अंतिम संस्कार की औपचारिकता निभाने संभल पहुंच गए। अर्थी को जबरन बदायूं ले जाने लगे। मृतक की पत्नी और बेटी ने इसका विरोध किया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो अंतिम संस्कार भी बेटी ही करे, पिता की इस इच्छा का पता चला।

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    इसके बाद बेटी ने ही पिता को मुखाग्नि दी।बदायूं निवासी महिपाल सिंह के परिवार में पांच बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी करीब 60 बीघा खेती है। आठ साल पहले अपने दो बेटों से तंग आकर महिपाल सिंह गांव छोड़कर संभल में रहने लगे।

    40 बीघा भूमि बेचकर तीन बेटियों की शादी कर दी और यहां पर मकान बनाया। एक बेटी की मौत हो गई। पांचवीं बेटी सविता बुजुर्ग पिता व मां के साथ ही रहकर सेवा व देखभाल करती है। दोनों बेटे मुकेश व गौरव अलग रहते हैं। उनका मां-बाप से कोई सरोकार नहीं था। मां का आरोप है कि वह पिता के साथ मारपीट करते थे।

    बेटों की इन शर्मनाक हरकतों से दुखी था पिता

    बेटों की इन शर्मनाक हरकतों से दुखी होकर पिता का भरोसा पूरी तरह से उठ चुका था। उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा भी यही रखी कि उनकी मौत के बाद अंतिम संस्कार बेटे नहीं बेटी करे। शुक्रवार सुबह महिपाल सिंह की मृत्यु हो गई। जिद करने लगे कि पिता के शव का अंतिम संस्कार अपने पैतृक गांव में करेंगे। उनकी मां विमला देवी और देखभाल करने वाली बेटी सविता विरोध पर अड़ गईं। वह दोनों थाने में पहुंच गईं।

    बताया कि बेटे सिर्फ जमीन के लालच में ऐसा करना चाहते हैं। क्योंकि जीते जी उन्होंने कभी उनका आदर नहीं किया बल्कि अत्याचार कर घर से निकाल दिया। अंत में बेटी ने ही अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर आखिरी इच्छा पूरी की। थाना प्रभारी मनोज वर्मा ने बताया कि दोनों पक्ष थाने में आए थे। मृतक की पत्नी से मिली जानकारी व उनकी इच्छा के बाद बेटी से ही अंतिम संस्कार कराया गया।