डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से शिकायत और... 20 दिन में संभल के बसपा नेता की जमीन को कराया कब्जा मुक्त
संभल में बसपा नेता रफतउल्ला को अपनी पुरानी जमीन पर कब्जा मिला। उन्होंने उपमुख्यमंत्री से शिकायत की थी जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। इससे पहले ही दोनों पक्षों ने पंचायत में समझौता कर लिया और विवाद का निपटारा हो गया। रफतउल्ला ने शासन और प्रशासन की इस कार्रवाई को सराहा है।

जागरण संवाददाता, संभल। कोतवाली क्षेत्र में बसपा नेता की वर्षों पुरानी भूमि पर अब उन्हें कब्जा मिल गया। जहां उनका कहना है कि शासन में शिकायत करने के बाद कार्रवाई शुरू हुई तो उससे पहले ही दोनों पक्ष कर पंचायत में विवाद का निपटारा हो गया।
क्षेत्र मेंं गवां मार्ग पर बसपा नेता रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा का आवास है। उन्होंने बताया कि वहीं उनके घर के पास में कुछ आगे भूमि थी, जिस पर नगर के मुहल्ला दीपा सराय निवासी जुबैर ने स्वजन संग अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार पंचायत का दौर भी चला, लेकिन उसके बाद भी न तो कोई समाधान निकला और न ही उनकी भूमि से कब्जा हट सका।
बीस दिन पहले डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से की थी शिकायत
ऐसे में करीब बीस दिन पहले शासन में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मिलकर मामले की शिकायत की थी, तो उन्होंने कार्रवाई के निर्देश प्रमुख सचिव गृह को दिए। ऐसे में शुक्रवार को प्रशासन की ओर से दोनों पक्षों को मौके पर बुलाया गया था। रफतउल्ला नेता छिद्दा ने बताया कि शनिवार को अधिकारियों के आने से पहले ही दोनों पक्ष के लोग वहां पर एकत्र हो गए और पंचायत का दौर शुरू हो गया। जहां पर आपसी सहमति से ही कब्जा छोड़ने की बात तय हुई।
इसी बीच नायब तहसीलदार अरविंद कुमार भी लेखपालों की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। परन्तु तब तक दोनों पक्ष ने आपसी सहमति से मामला निपटने की बात कही।
कई बार दोनों पक्ष में समझौते के लिए पंचायत हुई
रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा ने बताया कि इससे पहले भी कई बार दोनों पक्ष में समझौते के लिए पंचायत हुई, लेकिन कभी भी कोई आपसी सहमति नहीं बन सकी। मगर जैसे ही शासन में शिकायत और टीम के आने की बात हुई तो पंचायत में पंचों के बीच फैसला हो गया और राजस्व कर्मचारियों को किसी प्रकार की कोई पैमाइश नहीं करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि करीब 15 सौ मीटर भूमि पर कब्जे को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। शासन व प्रशासन ने एक अच्छा संदेश दिया है। यह कहना पड़ेगा कि अच्छा शासन है। जबकि सख्ती का शासन होता है तो काम भी सही होता है। उन्होंने कहा कि इस शासन ने एक कम्युनिटी को सही कर दिया है। बस समझ लीजिए, अब उनकी नस्लें भी भेद नहीं करेंगी।
वहीं नायब तहसीलदार अरविंद सिंह ने बताया कि शासन की ओर से पत्र मिला था, जिस में अवैध कब्जे की बात कही गई थी। इसी को लेकर शनिवार को पैमाइश कराई जानी थी, लेकिन दोनों पक्ष ने आपसी समझौते से मामला निपटा लिया।
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