Sambhal Violence: मस्जिद कमेटी के सदर की गिरफ्तारी के बाद अलर्ट, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा मामले में जामा मस्जिद के सदर जफर अली को रविवार को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। शनिवार की रात भी उनसे हिंसा को लेकर पूछताछ की गई थी। रमजान को देखते हुए उन्हें छोड़ दिया गया था। रविवार की सुबह उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

जागरण संवाददाता, चंदौसी। जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट रही। संभल शहर में पुलिस के साथ ही पीएसी, आरएएफ व आरआरएफ के जवान तैनात रहे इसके साथ कोतवाली व जामा मस्जिद के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस अधिकारियों ने संभल शहर में फ्लैग मार्च किया। इसके बाद चंदौसी अस्पताल में डॉक्टरी मुआयने के दौर पूरा अस्पताल परिसर व कचहरी परिसर छावनी में तब्दील रहा।
जफर अली की गिरफ्तारी के बाद अधिवक्ताओं ने नारेबाजी की। यहां कचहरी परिसर में भी जफर अली के पहुंचने से लेकर जेल जाने तक कई बार अधिवक्ताओं ने वकील एकता जिंदाबाद के नारे लगाए।
जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तारी के बाद संभल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। रविवार की शाम एसपी कृष्ण कुमार बिश्नाई ने आरआरएफ और बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ शहर में फ्लैग मार्च किया। इस दौरान पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और अफवाहों से दूर रहने को कहा।
एसपी ने पुलिस जवानों और आरआरएफ के साथ संवेदनशील इलाकों में पैदल गश्त की। फ्लैग मार्च कोतवाली से शुरू होकर चक्की का पाट, जामा मस्जिद, चौधरी सराय, दीपा सराय आदि से होकर गुजरा। इस दौरान एसपी ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों से बातचीत कर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की गिरफ्तार को लेकर शहर में चर्चाओं का माहौल गर्म है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रही है और इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
शाम साढ़े चार बजे यहां अस्पताल में डॉक्टरी परीक्षण के लिए जफर अली को लाया गया। इससे पहले ही दर्जनों की संख्या में पुलिस वाले तैनात कर दिए गए थे। इसके बाद जब जफर अली पहुंचे तो उनके साथ पुलिस की दर्जनभर गाड़ियों में पुलिस अधिकारी व पुलिस, पीएसी के जवान पहुंचे थे। इधर, कचहरी परिसर व बाहर पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील कर दिया गया था। इसमें अपर पुलिस अधीक्षक श्रीशचंद्र के अलावा असमोली व चंदौसी के सीओ, संभल कोतवाली, चंदौसी कोतवाली, थाना नखासा, थाना हयातनगर, थाना गढ़ी, असमोली आदि थानों की पुलिस व पीएसी तैनात रही।
जिस कचहरी में जफर अली प्रैक्टिस करते हैं वहीं उन्हें गिरफ्तार कर लाया गया तो साथी अधिवक्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन उनके अदालत में पेश होने के बाद शांत हो गए। इसके बाद जब दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई और फसला सुरक्षित रख लिया गया तो जफर अली पक्ष के अधिवक्ताओं ने यह मानते हुए कि अब जमानत हो जाएगी, फिर से नारेबाजी की। इसके बाद जब पुलिस अदालत से उन्हें जेल ले जा रही थी तो भी वकीलों ने नारेबाजी की।
शनिवार की रात भी हुई थी पूछताछ
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि 24 नवंबर 2024 को विवादित स्थल का सर्वे हो रहा था। उस दौरान कुछ लोगों द्वारा पत्थराव के साथ फायरिंग और आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया। उस मामले में 335/24 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले में जामा मस्जिद के सदर जफर अली को रविवार को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। शनिवार की रात भी उनसे हिंसा को लेकर पूछताछ की गई थी। रमजान को देखते हुए उन्हें छोड़ दिया गया था। रविवार की सुबह उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

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