Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Acharya Pramod Krishnam: राम, राष्ट्र...और सनातन, कांग्रेस से इन्हीं पर बढ़ी तकरार, कैसे 'हाथ' से दूर हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम, पढ़िये यहां

    Updated: Tue, 20 Feb 2024 12:21 PM (IST)

    छात्र राजनीति के दौरान एनएसयूआइ से कांग्रेस का झंडा उठाने वाले प्रमोद कृष्णम थे तो कांग्रेस में लेकिन समय के साथ परिवर्तित विचारधारा ने उनकी दूरी कांग्रेस से काफी हद बढा दी। सनातन धर्म और अध्यात्म से जुड़े प्रमोद कृष्णम का भाजपा की तरफ आना कोई आश्चर्य वाली बात नहीं थी लेकिन अब वह आने वाले समय में कांग्रेस के लिए क्या मुसीबत खड़ी करेंगे।

    Hero Image
    और लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को कैसे फायदा पहुंचाएंगे, यह देखने वाली बात होगी

    राघवेन्द्र शुक्ल, संभल। राम, राष्ट्र... और सनातन। इन तीन विषयों पर कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की विचारधारा कांग्रेस से बिल्कुल इतर रही और यही कांग्रेस से दूरी की वजह भी।

    वर्ष 2016 में सपा शासनकाल में कल्कि धाम शिलान्यास पर रोक लगी तो इसके विरुद्ध लड़ाई में आचार्य को कांग्रेस का साथ भी नहीं मिला।

    इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट तक अपनी बात रखने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार का कोर्ट में रुख नरम हुआ तो श्रीकल्कि धाम की राह भी प्रशस्त हुई। नतीजतन प्रमोद कृष्णम राम, राष्ट्र और सनातन में रम गए। चूंकि केंद्र की राजनीति अलग है, ऐसे में प्रमोद कृष्णम ने समय-समय पर कांग्रेस के दिग्गजों को दुष्प्रवृति की संज्ञा दी तो कभी अज्ञानी और अहंकारी तक कह दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Read Also: UP News: जिसका शिलान्यास करके गए हैं पीएम मोदी, जानिए आखिर कल्कि धाम मंदिर की क्या है विशेषता, सीमेंट-सरिया नहीं लगेगा

    कांग्रेस की राम से दूरी ने बढ़ा दी...

    राम से कांग्रेस की दूरी ने इस खाई को और बड़ा कर दिया...और आखिरकार हाथ का साथ भी छह साल के लिए छूट गया। इस निष्कासन को भी राम के वनवास से जोड़कर उन्होंने 14 साल की डिमांड भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से की थी। हालांकि अब उनका पूरी तरह से करार भाजपा से हो चुका है।

    हजारों की भीड़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सात बार उनका नाम मंच से लिया। वैसे ही जैसे 42 साल पहले राजीव गांधी के साथ जुड़े थे। 

    कमल के सहारे लोकसभा जा सकते हैं प्रमोद कृष्णम

    श्री कल्किधाम के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ऐतिहासिक नगरी संभल की धरती पर बुलाकर आचार्य प्रमोद कृष्णम का राजनीतिक और सामाजिक कद तो बढ़ ही गया। संत समाज में भी उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। कयास यही लगाया जा रहा है कि श्री कल्कि धाम के शिलान्यास के बाद उनका अगला कदम भाजपा में शामिल होना हो सकता है। इसके लिए वह इशारा पहले ही कर चुके हैं। उन्हें भाजपा से टिकट होने के भी कयास लगाए जा रहे हैं।