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    मौन में प्रस्ताव पास, विकास की अधूरी आस

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 30 Dec 2021 12:43 AM (IST)

    जेएनएन सम्भल जिले के सबसे बड़े सदन की बैठक सिर्फ दिखावा बनकर रह गई जहां निर्वाचित सदस्यों के अलावा पदेन सदस्य भी करोड़ों के बजट पर चर्चा नहीं कर सके और जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर चंद मिनटों के बाद सदन के समापन की घोषणा कर दी गई। लिहाजा ज्यादातर सदस्य मौन रहे कुछ ने आवाज उठाई तो उनको अनसुना कर दिया गया।

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    मौन में प्रस्ताव पास, विकास की अधूरी आस

    जेएनएन, सम्भल जिले के सबसे बड़े सदन की बैठक सिर्फ दिखावा बनकर रह गई, जहां निर्वाचित सदस्यों के अलावा पदेन सदस्य भी करोड़ों के बजट पर चर्चा नहीं कर सके और जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर चंद मिनटों के बाद सदन के समापन की घोषणा कर दी गई। लिहाजा, ज्यादातर सदस्य मौन रहे कुछ ने आवाज उठाई तो उनको अनसुना कर दिया गया।

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    बता दें कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आयोजित होने वाली जिला पंचायत सदन की बैठक 24 दिसंबर को आयोजित की गई थी लेकिन उस दौरान सदस्यों का कोरम पूरा न होने के चलते निर्दलीय सदस्य और आम आदमी पार्टी के नेता विजय यादव के द्वारा सवाल खड़ा किया गया। तब इस बैठक को स्थगित किया गया और 29 दिसंबर को बैठक आयोजित करने की तिथि निर्धारित की गई। बुधवार को बैठक सुबह 11 बजे से आयोजित होने ही वाली थी, काफी सदस्यों के देरी से पहुंचने के चलते यह बैठक करीब दोपहर 12:25 बजे शुरू हुई। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी अरुण प्रताप भारती ने वित्तीय वर्ष 2021-22 और वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुमानित बजट के अलावा वर्तमान वित्तीय वर्ष में चल रहे कार्यों की कार्यवाही को पढ़ना शुरू किया। इस दौरान करीब 10 से 12 वाक्य पढ़े गए कि सिर्फ तीन निर्वाचित और एक पदेन सदस्य के द्वारा स्वीकृति के लिए खड़े होकर समर्थन दिया गया। अन्य सदस्य मौन तरीके से बैठे रहे। जिन्होंने प्रस्तावों को लेकर न तो स्वीकृति प्रदान की और ना ही उसके विरुद्ध आवाज उठाई। इसी बीच पांच मिनट भी सदन की कार्यवाही बैठक से संबंधित संचालित नहीं हुई थी कि भाजपा के जिला पंचायत सदस्य अवधेश प्रताप सिंह ने अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं को उठाया और जिला पंचायत अध्यक्ष ने भी कुछ समस्याओं को अधिकारियों को अवगत कराया। कुल मिलाकर पांच मिनट प्रस्तावों को पढ़ा गया जिस पर कोई चर्चा नहीं हुई। 10 मिनट तक एक सदस्य और अध्यक्ष के द्वारा जनहित की शिकायतों पर चर्चा की गई लेकिन प्रस्तावों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। हकीकत यह थी कि सदन में बैठे सदस्य समझ ही नहीं सके कि कब बैठक शुरू हुई और कब इसका समापन हो गया। अपर मुख्य अधिकारी ने 12:25 बजे पर शुरू हुई बैठक का 12:40 बजे पर समापन की घोषणा कर दी। समापन की घोषणा के बाद सदस्य विजय यादव के द्वारा आपत्ति जताई गई कई अन्य सदस्यों ने भी हाथ खड़े कर के कुछ शिकायत करने की इच्छा जताई लेकिन उनकी शिकायतों और आपत्तियों को दरकिनार किया गया। बैठक से जिला पंचायत अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी भी समापन के बाद उठकर चले गए। अन्य अधिकारी भी निकल कर चले गए। इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी उमेश कुमार त्यागी, जिला पंचायत राज अधिकारी जाहिद हुसैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार सक्सेना, दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी संगीता सिंह, ग्राम उद्योग अधिकारी संजीदा बेगम समेत कई विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में नहीं पहुंचे विधायक और सांसद

    जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में विधायक और सांसद के अलावा ब्लाक प्रमुख पदेन सदस्य होते हैं। लेकिन इन जन प्रतिनिधियों के द्वारा बैठक में उपस्थित होने की दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। चार से पांच ब्लाक प्रमुख जरूर मौजूद थे लेकिन चारों विधानसभाओं में से कोई भी विधायक या उनके प्रतिनिधि भी नहीं थे इतना ही नहीं दोनों सांसदों की भी प्रतिनिधि बैठक में मौजूद नहीं थे। दिखा जागरण की खबर का असर, बैठक में नहीं थे बाहरी तत्व

    24 दिसंबर को आयोजित हुई जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में निर्वाचित महिला जिला पंचायत सदस्यों के प्रति और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति के द्वारा कुर्सी पर बैठे जाने और कुछ सदस्यों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर करने की खबर को दैनिक जागरण के द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। जिसका असर दिखा और अपर मुख्य अधिकारी ने सदन में किसी भी बाहरी या पंचायत सदस्य के पति को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। जिसके चलते बैठक बेहद सामान्य रही और कोई कहासुनी नहीं हुई।

    वर्तमान के 31.35 करोड़ के अलावा अग्रिम वित्तीय वर्ष के 34.18 करोड़ के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

    अपर मुख्य अधिकारी अरुण प्रताप भारती ने बताया कि पुनरीक्षण कार्यों के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए बोर्ड के द्वारा 31.35 करोड़ की धनराशि के कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिला पंचायत के पास वर्तमान में 15 करोड़ की धनराशि मौजूद है। जिसमें जिले के अलग-अलग जिला पंचायत क्षेत्रों में 65 कार्यों पर काम कराने के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं। 10 टेंडर जल्द ही जारी किए जाएंगे। कुल 86 कार्यों को इस वित्तीय वर्ष में संपन्न कराया जाना है। इसके अलावा अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 34.18 करोड़ की धनराशि के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। जिन के कार्यों को स्वीकृति धनराशि प्राप्त होने के बाद की जाएगी।

    ग्रामीण क्षेत्रों में शादी वेंकट हैल पंजीयन पर जिला पंचायत लगाएगी कर

    बोर्ड की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर ग्रामीण इलाकों में संचालित शादी हाल पर टैक्स लगाया जाएगा। इसकी पुष्टि अपर मुख्य अधिकारी के द्वारा की गई है, हालांकि इस प्रस्ताव को लेकर सदस्यों के सामने कोई चर्चा नहीं की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से सरकार को प्राप्त होने वाले स्टांप शुल्क पर भी दो फीसद कर लगाने की इच्छा जताई। हालांकि यह कर बिना शासन की अनुमति के नहीं लगाया जा सकेगा। अधिकारियों को दिए बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश

    सदन की बैठक के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डा. अनामिका सिंह ने अलग-अलग विभाग के अधिकारियों से बात करते हुए सिर्फ पांच मिनट के दौरान कुछ शिकायतें की और उनके निस्तारण और सुधार की मांग की। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर खाद्यान्न प्रति यूनिट पांच किलोग्राम न देकर चार किलोग्राम या उसे कम दिया जाता है। राशन कार्ड में फर्जी यूनिट जोड़कर उनके राशन को हड़प लिया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि झोलाछाप मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

    जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्देश पर बैठक का संचालन शुरू हुआ था और उनके ही निर्देश पर समापन हुआ। सदस्यों के द्वारा प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई। कुछ सदस्य मौन जरूर थे लेकिन उन्होंने अपनी असहमति भी प्रदान नहीं की थी।- अरुण प्रताप, भारती अपर मुख्य अधिकारी।

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