संभल के चंदौसी में अवैध मस्जिद की कार्रवाई, मीनार गिराने में लगी एक्सपर्ट की टीम; प्रशासनिक अमला रहा नदारद
चंदौसी के लक्ष्मणगंज में सरकारी भूमि पर बने अवैध मस्जिद और अन्य निर्माणों को हटाने की कार्रवाई अंतिम चरण में है। विशेषज्ञ टीम मस्जिद की मीनार गिरा रही है, जबकि मजदूर अन्य हिस्सों को तोड़ रहे हैं। हालांकि, इस संवेदनशील कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अधिकारी अनुपस्थित हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है। पूर्व एसडीएम के तबादले के कारण निगरानी में ढील आई है, लेकिन सुरक्षा के लिए पीएससी बल तैनात है। नए एसडीएम की तैनाती के बाद ही शेष अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की दिशा स्पष्ट होगी।
चंदौसी लक्ष्मणगंज में मस्जिद का किया गया अवैध निर्माण के दौरान मस्जिद की मीनार गिराने को बुलाई गई एक्सपर्ट। जागरण
संवाद सहयोगी, चंदौसी। लक्ष्मणगंज स्थित सरकारी भूमि पर बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। सोमवार को मस्जिद की मीनार को गिराने के लिए विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंची, जिन्होंने ढांचे को सुरक्षित तरीके से ढहाने के लिए चारों ओर पाड़ तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसके साथ ही, अन्य मजदूर मस्जिद के बचे हुए हिस्सों को तोड़ने में जुटे हुए हैं। लेकिन इस कार्रवाई के दौरान प्रशासनिक अमला नदारद रहा।
नगर पालिका की भूमि पर नगर के लक्ष्मणगंज में अवैध प्लाटिंग और निर्माण की जांच में मस्जिद सहित 30 मकान और तीन खाली प्लाट तहसील प्रशासन ने चिह्नित किए गए थे, इसके बाद नगर पालिका ने सभी अवैध निर्माण व मस्जिद से 15 दिन में कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया गया था, नोटिस अवधि समाप्त होने के बाद उपजिलाधिकारी के निर्देश के बाद मस्जिद से जुड़े लोगों ने बुधवार से मजदूरों द्वारा ढांचे को तोड़ा जा रहा है।
शनिवार को एसडीएम विनय कुमार मिश्रा, सीओ अनुज चौधरी पीएससी, अर्द्धसैनिक बल, भारी संख्या में पुलिस , नगर पालिका टीम व बुलडोजर को लेकर पहुंच गए और कुछ हिस्सा ही मस्जिद का टूटने को लेकर नाराजगी जताई, उसके मस्जिद तोड़ने में तेजी आई तो बुलडोजर की कोई कार्रवाई नहीं की गई। तो मस्जिद रविवार को अध्यक्ष सिराजुद्दीन व शहर इमाम मुहम्मद नाजिम ने एसडीएम के सहयोग से एक्सपर्ट टीम को बुला लिया।
सोमवार को एक्सपर्ट टीम ने आकर मीनार तोडऩें के लिए काम शुरु कर दिया लेकिन जहां एक ओर कार्रवाई स्थल पर मजदूरों और विशेषज्ञों की उपस्थिति रही, वहीं दूसरी ओर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी—न नगर पालिका से, न ही राजस्व विभाग से—मौके पर नहीं पहुंचा।
इसका मुख्य कारण यह रहा कि एसडीएम विनय कुमार मिश्रा का ट्रांसफर चंदौली के लिए हो गया है, और उनके स्थानांतरण के जानकारी के बाद से ही स्थानीय स्तर पर निगरानी में ढील देखी जा रही है। गौरतलब है कि मस्जिद जैसे संवेदनशील ढांचे को गिराने की प्रक्रिया में प्रशासन की उपस्थिति अत्यंत आवश्यक मानी जाती है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था, कानूनी प्रक्रिया और स्थानीय समन्वय बना रहे। मगर सोमवार को पूरी कार्रवाई मजदूरों और तकनीकी टीम के भरोसे ही चलती रही। हालांकि, स्थिति को देखते हुए पीएससी बल की एक टुकड़ी मौके पर तैनात रही, ताकि कोई अवांछनीय स्थिति न उत्पन्न हो।
अब देखने वाली बात यह है कि नए एसडीएम की तैनाती के बाद लक्ष्मणगंज में जारी यह अभियान किस दिशा में आगे बढ़ता है, और शेष बचे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई कितनी दृढ़ता से की जाती है। फिलहाल, बिना प्रशासनिक निगरानी के चल रही यह तोड़फोड़ चिंता का विषय बनती जा रही है।
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