UP News: सहारनपुर में धान की फसल में पेस्टीसाइड का छिड़काव करते किसान की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मौत
सहारनपुर में धान की फसल में पेस्टीसाइड का छिड़काव करते समय किसान पदम सिंह की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। परिजनों के अनुसार पेस्टीसाइड डालते समय उन्हें चक्कर आया और बाद में हार्ट अटैक आया। कृषि वैज्ञानिकों ने कीटनाशक रसायनों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की सलाह दी है। किसानों को ग्रीन सिग्नल वाले कीटनाशकों का प्रयोग करने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। धान की फसल में पेस्टीसाइड डालते समय एक किसान की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। किसान पदम सिंह शनिवार सुबह साढ़े दस बजे धान के खेत में पेस्टीसाइड का छिड़काव कर रहे थे।
स्वजन अजय खटाना ने बताया कि अचानक उन्हें चक्कर आया। पड़ोसी किसान ने उन्हें गांव में लाकर स्वजन को सूचित किया। पदम सिंह को गंगोह में उपचार के लिए ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने उनका ब्लड प्रेशर हाई पाया। इसी दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मृत्यु हो गई।
पेस्टीसाइड का छिड़काव करते समय एहतियात बरतना अत्यंत आवश्यक है। पेस्टीसाइड दवाओं पर दिए गए दिशा-निर्देशों को किसान अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे यह उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
दिशा-निर्देशों में पेस्टीसाइड का छिड़काव करते समय मास्क, दस्ताने और सुरक्षात्मक कपड़े पहनने की सलाह दी गई है। विशेष रूप से, पेस्टीसाइड का छिड़काव सुबह या शाम को करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि धूप में यह अधिक हानिकारक हो सकता है।
कृषि विज्ञानी डाॅ. आइके कुशवाह ने कहा कि हानिकारक कीटनाशक रसायनों से बचाव करना अत्यंत आवश्यक है। किसान ग्रीन सिग्नल वाले कीटनाशकों को प्राथमिकता दें।
छिड़काव करते समय शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। तंबाकू आदि का सेवन बिल्कुल न करें। हाथ और चेहरा ढक कर रखें। छिड़काव के बाद अच्छी तरह से नहा लें। हवा का रुख शरीर की तरफ न हो।
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