Saharanpur News: सहारनपुर में तीन पटाखा कारोबारियों ने स्वीकारी 90 लाख की टैक्स चोरी, संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त
सहारनपुर में वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की टीमों ने शनिवार को छुटमलपुर में कलसिया रोड पर पटाखा निर्माण इकाई पर टैक्स चोरी की आशंका के चलते जांच की। बताया गया कि पटाखा फैक्ट्री के स्वामी द्वारा 1.72 करोड़ रुपये का कच्चा व बना हुआ माल स्वीकार किया गया।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने शनिवार को टैक्स चोरी की आशंका के चलते एक ही परिवार की एक पटाखा फैक्ट्री व दो ट्रेडिंग कारोबारियों के यहां माल का सर्वे किया। विभागीय टीम ने वहां से संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए। जांच पड़ताल के बाद विभाग ने टैक्स चोरी के माल की कीमत तीन करोड़ रुपये आंकी। तीनों फर्मों के आपूर्तिकर्ताओं ने स्वयं 90 लाख रुपये की कर चोरी स्वीकार करते हुए प्रपत्र डीसीआर-03 भरकर जमा कर दिए।
पटाखा निर्माण इकाई की जांच
वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड वन एसपी सिंह व विशेष अनुसंधान शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर रणकेंद्र सिंह के निर्देशन में डिप्टी कमिश्नर मनोज विश्वकर्मा, बृजेश, उमा शंकर विश्वकर्मा व योगेश वर्मा आदि अधिकारियों की टीमों ने शनिवार को छुटमलपुर में कलसिया रोड पर पटाखा निर्माण इकाई पर टैक्स चोरी की आशंका के चलते जांच की कार्रवाई की। अपर आयुक्त ग्रेड वन एसपी सिंह ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री के स्वामी द्वारा 1.72 करोड़ रुपये का कच्चा व बना हुआ माल स्वीकार किया गया। मगर टीम को मौके पर 12 लाख रुपये का ही माल मिला। इससे साफ है कि फर्म द्वारा 1.60 करोड़ रुपये के कच्चे माल से पटाखे बनाकर बिना बिल के टैक्स चोरी की मंशा से करीब 2.25 करोड़ का माल बेच दिया गया। जिस पर फर्म ने स्वयं इस पर 66 लाख रुपये की कर देयता स्वीकार करते हुए सीजीएसटी और एसजीटी के रूप में जमा कराया गया।
कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त
टीमों ने यहां से कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए। इसके अलावा टीमों ने इनके ही परिवार की दो ट्रेडिंग कंपनियों के यहां सर्वे किया एक फर्म ने स्वयं समस्त पटाखा मूल्य 35 लाख रुपये घोषित किया, लेकिन मौके पर केवल 23 लाख का माल मिला। 12 लाख रुपये का स्टाक मौके पर कम मिला। यहां प्राथमिक कर चोरी 20 लाख रुपये की पाई गई। टीम ने यहां से भी दस्तावेज जब्त किए गए। जिस पर फर्म दाता ने सीजीएसटी और एसजीएसटी मद में पांच लाख रुपये जमा कराए। एक अन्य ट्रेडिंग कंपनी से भी टीमों ने संदिग्ध दस्तावेज जब्त किये, यहां टीम को कोई स्टाक नहीं मिला। जबकि फर्म ने कच्चा माल खरीदा और तैयार स्टाक बेचा है। यहां प्राथमिक चोरी पर 19 लाख रुपये जमा किए गए। अपर आयुक्त एसपी सिंह ने बताया कि तीनों फर्मों द्वारा चोरी किए गए माल की कुल कीमत तीन करोड़ रुपये है, जिस पर आपूर्तिकर्ताओं ने स्वयं 90 लाख रुपये प्रपत्र डीआरसी-03 जमा कर जमा करा दिए।
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