साइबर ठगों से वापस कराए एक करोड़ आठ लाख, बैंकों में फ्रीज कराए 2.17 करोड़ रुपये
Saharanpur News: सहारनपुर में एसएसपी के निर्देश पर साइबर अपराधों पर नियंत्रण और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ कार ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। जनपद पुलिस ने बीते छह महीने में साइबर अपराधियों के खिलाफ कुल 86 मुकदमें दर्ज किए हैं। इन मामलों में 56 साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कुल दो करोड़ 17 लाख से ज्यादा रुपये की धनराशि बैंकों में फ्रीज कराई है। इतना ही नहीं पुलिस अब तक साइबर ठगी के पीड़ितों के खातों में एक करोड़ आठ लाख से ज्यादा रुपये वापस करा चुकी है।
एसएसपी आशीष तिवारी के निर्देश पर जनपद पुलिस साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण, पीड़ितों को शीघ्र राहत दिलाने के साथ ही लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में जुटी है। जनपद में साइबर क्राइम थाने के साथ ही सभी थानों में बनाई गई साइबर सेल अपराधियों पर शिकंजा कस रही है।
बीती एक जुलाई से अब तक जनपद में साइबर अपराध के 86 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इनमें 56 अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी का शिकार हुए पीड़ितों की दो करोड़ 17 लाख 63 हजार 268 रुपये की धनराशि का समय रहते खातों में फ्रीज कराया।
साइबर सेल ने इसके लिए विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के साथ सक्रिय एवं तकनीकी समन्वय किया। इतना ही नहीं एक करोड़ आठ लाख 75 हजार 399 रुपये की धनराशि को साइबर ठगी के पीड़ितों के बैंक खातों में वापस भी कराई।
हर गली-चौराहे पर लिखवाया पुलिस का नंबर
साइबर अपराधों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने एवं त्वरित शिकायत दर्ज कराने के उद्देश्य से जनपद में तमाग गलियों और चौराहों पर पुलिस एसएसपी से लेकर थाना प्रभारी और बीट कांस्टेबल तक का नंबर लिखवाया गया है। एसएसपी के निर्देश पर जनपद में करीब 18,000 सार्वजनिक एवं प्रमुख स्थानों पर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा साइबर थाना का सीयूजी नंबर 7839876635 अंकित कराया गया है।
ये बरतें सावधानी
किसी भी प्रकार के संदिग्ध काल, लिंक या संदेश पर विश्वास न करें। किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ ओटीपी शेयर न करें, जालसाजों से सावधान रहें। साइबर ठगी की घटना होने की स्थिति में तत्काल 1930 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर अथवा www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं, जिससे समय रहते आवश्यक कार्रवाई कर उनकी धनराशि को सुरक्षित किया जा सके।

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