सहारनपुर में कुत्तों का आतंक : आठ लोगों को काटा, लाठी-डंडे लेकर घरों से बाहर निकलने को मजबूर हैं लोग
Saharanpur News : सहारनपुर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। कुतुबपुर कुसानी गांव में दो दिनों कुत्तों ने आठ लोगों को काटकर घायल कर दिया, जिससे ग् ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, जागरण, सड़क दूधली (सहारनपुर)। कुतबपुर कुसानी गांव में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कुत्तों ने दो दिन के भीतर आठ लोगों को काटकर घायल कर दिया। कुत्तों के आतंक से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। बच्चे और महिलाएं घरों में कैद हो गई है। ऐसे में खुद के बचाव के लिए ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे लेकर बाहर निकल रहे है। नगर निगम के अधिकारियों से भी कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पोर्टल पर समस्या बताई है।
थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के गांव कुसानी के ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार को एक कुतिया ने कई ग्रामीणों को काटकर घायल कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार कुतिया ने अन्य कुत्तों को भी काट लिया जिससे वह भी पागल हो गए तथा उन्होंने मुस्तकीम पुत्र शकूर, प्रकाश पुत्र हरकेश, जुगल यादव, अमीर पुत्र नसीम, साद पुत्र वकील, खुर्शीद व शमीम को काटकर घायल कर दिया।
बुधवार सुबह छोटा नामक व्यक्ति को काट लिया। सभी जिला जिला अस्पताल व पुंवारका सीएचसी ले जाकर एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगवाए गए। दो दिन में आठ लोगों को काटने की घटना से ग्रामीणों में दहशत है तथा वह बिना लाठी डंडे के बाहर नहीं निकल रहे हैं। ग्रामीणों ने कंट्रोल रूम व पुलिस को सूचना दे दी है। वन विभाग के अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया गया।
ग्रामीणों के अनुसार अधिकारियों ने कुत्ता पकड़ने वाली टीम गांव भेजने का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई टीम गांव में नहीं पहुंची। पूर्व प्रधान हसीन अहमद ने बताया कि आवारा कुत्तों की दहशत से बहुत से बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। कुछ बच्चे जो स्कूल गए वह भी डंडा लेकर गए हैं। नगर निगम द्वारा गांव में टीम भेजने से इनकार कर दिया गया।
पूर्व प्रधान हसीन अहमद ने बताया कि जब नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया गया गया तो वहां से बताया गया कि केवल निगम सीमा के अंदर ही कुत्तों को पकड़ते हैं इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन द्वारा हमलावर कुत्तों को नहीं पकड़वाया गया तो वह अन्य ग्रामीणों को भी काट सकते हैं, जिससे गांव में रेबीज फैलने का खतरा है।

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