आंख में दवा या सुरमा डालने से नहीं टूटता रोजा
देवबंद में रोजेदार ने रोजे की हालत में भूल से अगर कुछ खा पी लिया हो तो भी उससे रोजा नहीं टूटता। उलमा के मुताबिक भूल से कई बार खा पी लिया भी जाता है तब भी रोजा सलामत रहेगा।

सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में रोजेदार ने रोजे की हालत में भूल से अगर कुछ खा पी लिया हो तो भी उससे रोजा नहीं टूटता। उलमा के मुताबिक भूल से कई बार खा पी लिया भी जाता है तब भी रोजा सलामत रहेगा। अक्सर लोग रमजान में आंख में सुरमा या दवा डालने से भी डरते हैं। उलमा के मुताबिक आंख में सुरमा या दवा डालने से रोजा नहीं टूटता।
मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने बुखारी शरीफ और मुस्लिम शरीफ की हदीसों का हवाला देते हुए बताया कि हजरत मोहम्मद साहब ने फरमाया कि अगर रोजेदार भूल से कुछ खा ले या पी लें तो उसे रोजा पूरा करना चाहिए, क्योंकि उसे अल्लाह ने खिलाया-पिलाया है। अगर कोई शख्स रोजे की हालत में भूलकर कुछ खा पी रहा हो तो यह देख लेना चाहिए कि वह शख्स वृद्ध और कमजोर है या फिर नौजवान और तंदरुस्त। अगर बूढ़ा और कमजोर है तो देखने वाले को यह चाहिए कि वह उस व्यक्ति को खाने दे और रोजे के बारे में याद न दिलाए, लेकिन यदि तंदरुस्त है तो उसे याद दिलाना वाजिब है। मौलाना ने इस्लामी पुस्तक फतावा-ए-आलमगीरी का हवाला देते हुए बताया कि रोजे की हालत में आंखों में दवा या सुरमा डालने, सिर, दाढ़ी या मूछों पर या फिर बदन के किसी हिस्से पर तेल लगाना और खुशबू आदि लगाना दुरुस्त है। सुरमा डालने का असर थूक या नाक की रेशेस में महसूस हो तब भी कोई हर्ज नहीं। मुफ्ती तारिक ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण ने हमें घेरा हुआ है। हमें इस पाक महीने की अपनी इबादतों में इस खतरनाक बीमारी की समाप्ति के लिए दुआ करनी चाहिए। साथ ही कोरोना से बचाव को बताई गई गाइडलाइन को भी पूरी तरह अपनाना चाहिए।
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