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    दशलक्षण महापर्व के प्रथम दिन मनाया उत्तम क्षमा धर्म

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 09:40 PM (IST)

    जैन समुदाय के दशलक्षण महापर्व का प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मंदिरों में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। विद्वान पंडितों के सानिध्य में दशलक्षण विधान के कलश की स्थापना की गई।

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    दशलक्षण महापर्व के प्रथम दिन मनाया उत्तम क्षमा धर्म

    सहारनपुर, जेएनएन। जैन समुदाय के दशलक्षण महापर्व का प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मंदिरों में विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। विद्वान पंडितों के सानिध्य में दशलक्षण विधान के कलश की स्थापना की गई। जयकारों और भजनों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मंदिरों में बिजली की आकर्षक साज-सज्जा की गई थी। नगर व कस्बों के मंदिरों में धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो गए।

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    शुक्रवार को महानगर के सभी जैन मंदिरों में दशलक्षण महापर्व के शुभारंभ पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया था। चिलकाना रोड महावीर कालोनी स्थित श्री दिगंबर जैन कुंद-कुंद परमागम मंदिर में अखिल भारतीय जैन युवा फेडरेशन के तत्वाधान में दशलक्षण महापर्व प्रारंभ हो गये। जैन समाज के वयोवृद्व एवं विद्ववत डा. जेडी जैन द्वारा ध्वजारोहण किया गया। दशलक्षण विधान का मुख्य कलश राजीव जैन ने चार अन्य कलश मुकेश जैन, पुलकित जैन, कमलेश कुमार जैन, अनुज जैन परिवार ने स्थापित किये। आचार्य कुन्द-2 द्वारा रचित पंचपरमागम आदीश जैन, आदर्श जैन, संदीप जैन, विपुल जैन तथा रेणू जैन द्वारा विराजमान किए गए।

    उत्तम क्षमा धर्म के पावन अवसर पर सोलह कारण पूजन आदि का कार्य टीकमगढ़ से पधारे पं. सम्मेद जैन शास्त्री के निर्देशन में संपन्न हुआ

    फैडरेशन के मंत्री अभिषेक जैन, अमरीश जैन, आशु जैन, अगम जैन,अध्ययन जैन, विभोर जैन, अभिषेक जैन का सहयोग रहा।

    अंबेहटा: दशलक्षण पर्व के प्रथम दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। समाजसेवी विरेंद्र जैन ने बताया कि प्रथम दिन को उत्तम क्षमा दिवस के रूप में मनाया गया। अंकित जैन,अरूण जैन,हर्ष जैन,बोबी जैन अभिषेक जैन आदि मौजूद रहे।

    नानौता: जैन समाज का दशलक्षण पर्व के प्रथम दिन शुक्रवार को उत्तम क्षमा यानी क्षमा याचना का पर्व मनाया गया।

    मुख्य बाजार स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए श्रद्धालुओं द्वारा पूजा- अर्चना की गई। मनोज जैन, पंकज जैन,विशाल चंद जैन,गौरव जैन, प्रदीप कुमार, काकू जैन,आशीष कुमार, नितिन कुमार,कंवर सैन जैन, अंकुर जैन, आशीष कुमार, सौरभ जैन,पूजा, संजीव कुमार रहे।

    मंदिरों का सजाया

    रामपुर मनिहारान: नगर के तीनों जैन मंदिरों को भव्य रुप से सजाया गया। बड़े जैन मंदिर जी में जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर श्री 1008 आदिनाथ भगवान की प्रतिमा का अभिषेक शांतिधारा पूजन प्रक्षाल की गई। श्रीजी की शांतिधारा की गयी। मथुरा चौरासी से आए पंडित अतिशय शास्त्री द्वारा पूजा कराई गई। पंडित अतिशय शास्त्री व सिद्धार्थ शास्त्री ने धर्मोपदेश दिए। जैन समाज के अध्यक्ष मनोज जैन, उपाध्यक्ष निपुण जैन, महामंत्री संजय जैन, विनीत जैन, पंकज जैन ,डॉ राजेश जैन , पुष्पेन्द्र जैन ,नमन जैन ,शशांक जैन, नमन जैन, विनित जैन,अनुराग जैन, जैन,अरविन्द जैन, पुनीत जैन,विजय जैन, अन्नु जैन मौजूद रहे।

    उत्तम क्षमा का अर्थ बताया

    चिलकाना : दशलक्षण पर्व के पहले दिन श्री दिगंबर जैन मंदिर में कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार पूजा-अर्चना कर प्रथम दिन उत्तम क्षमा पर्व मनाया गया। जयपुर के आए विद्वान पंडित मान साकेत शास्त्री ने उत्तम क्षमा का अर्थ बताया। जैन समाज के संरक्षक सुधीर कुमार जैन, अध्यक्ष विरेंद्र कुमार जैन, बिजेंद्र जैन, श्रीयांश कुमार जैन, निशांक जैन, रोहित जैन, मोहित जैन, राजीव जैन, महिला मंडल से विजया रानी, पारुल जैन, ममता जैन, चंदन जैन, तनुजा जैन आदि उपस्थित रहे। उधर, चिलकाना जैन मंदिर में भी दशलक्षण पर्व श्रृद्धा के साथ मनाया गया। जयपुर से आये सुपनेश जैन शास्त्री ने सवेरे मंदिर मे श्रीजी की प्रतिमा को वेदी मे विराजमान किया। प्रथम शांतिधारा कर नित्य नियम पूजन कराया। जिनेंद्र जैन, राकेश जैन, अनुपम जैन, नितिन जैन, साधना जैन, रेनू जैन, बालेश जैन तथा रजनी जैन मौजूद रही। पूजा प्रक्षाल कार्यक्रम आयोजित

    सरसावा: सर्राफा बाजार स्थित पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर तथा मोहल्ला चौधरियन स्थित श्री महावीर बुल्ली कोर जैन मंदिर में सवेरे पूजा प्रक्षाल कार्यक्रम सामूहिक रूप से आयोजित हुए। इसके उपरांत दशलक्षण पर्व के प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा की गई। विद्वान नरेश चंद जैन तथा स्याद्वाद महिला मंडल की संचालक अलका जैन ने पर्व का महत्व बताया। रात में मंदिर में संगीत एवं धार्मिक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।