कथकली नृत्य की शानदार प्रस्तुति पर गूंजी तालियां
माउंट लिटरा जी-स्कूल में स्पिक मैके की विरासत श्रंखला-2019 का शुभारंभ कथकली नृत्य से हुआ।
सहारनपुर जेएनएन। माउंट लिटरा जी-स्कूल में स्पिक मैके की विरासत श्रंखला-2019 का शुभारंभ कथकली नृत्य से हुआ। कथकली गुरुकलामंडलम सदानम कृष्णन कुट्टी एवं साथियों द्वारा भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विधा कथकली नृत्य की शानदार प्रस्तुति देते हुए हाथी, शेर और अजगर की लड़ाई पर शानदार नृत्य प्रस्तुति दी।
सोमवार को दिल्ली रोड स्थित स्कूल में गुरु कृष्णन ने छात्रों द्वारा दिए प्रसंगों पर भी नृत्य कर दिखाया। प्रथम प्रस्तुति में उन्होंने नाट्य शास्त्र के नवरस के सभी नौ रसों को मुद्राओं द्वारा दर्शाया और छात्रों को कथकली की 24 मुद्राएं सिखाई। कलामंडलम कुट्टी कृष्णन ने कथकली की परंपरागत वेशभूषा में भीम एवं हनुमान नृत्य किया। कथकली गुरु सदानम कृष्णकुट्टी ने छात्रों को बताया कि कथकली केरल की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय रंगकला है। यह 17 वीं शताब्दी का विकसित रूप है। रंगीन वेशभूषा पहने कलाकार गायकों द्वारा गाए जाने वाले कथा संदर्भों का हस्तमुद्राओं एवं नृत्य-नाट्यों द्वारा अभिनय प्रस्तुत करते हैं। इसमें कलाकार स्वयं न तो संवाद बोलता है और न ही गीत गाता है। गुरु कथकली में हर पात्र कथा चरित्रनुसार कथापात्रों को भिन्न-भिन्न प्रतिरूपों में बांटा जाता है। वेशभूषा के आधार पर पात्रों को पहचानना पड़ता है। प्रधानाचार्य टीडीएस भारद्वाज ने छात्रों को स्पिक मैके के आन्दोलन से जुड़ने को प्रोत्साहित किया। स्कूल की संयुक्त निदेशक शिवानी अग्रवाल ने कहा की भारतीय संस्कृति एवं कलाएं अतुलनीय है इसलिए छात्रों को देश की संस्कृति एवं कलाओं को आत्मसात करना चाहिए। आयोजन में रक्षित, शुभी, पावनी, पर्व जैन, आयशा, निशा शर्मा, अलका पुंडीर, स्पिक मैके के जय शर्मा, शैफाली मल्होत्रा सहयोग रहा।
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