गन्ना हो तो विजय के खेत जैसा प्रति बीघा निकलता है 135 कुंतल गन्ना
गंगोह क्षेत्र भी गन्ना बेल्ट मानी जाती है जिसमें हजारों किसान गन्ना बोते हैं लेकिन गन्ना अधिकतर किसानों के यहां 70 कुंतल प्रति बीघा तक ही निकलता है। ल ...और पढ़ें

सहारनपुर, जेएनएन। गंगोह क्षेत्र भी गन्ना बेल्ट मानी जाती है, जिसमें हजारों किसान गन्ना बोते हैं, लेकिन गन्ना अधिकतर किसानों के यहां 70 कुंतल प्रति बीघा तक ही निकलता है। लेकिन क्षेत्र में एक किसान ऐसा भी है जिसके एक बीघा में 135 कुंतल गन्ना पैदा होता है। इससे गन्ने से दोगुनी आमदनी हो रही है।
गंगोह ब्लाक के ग्राम सुखेड़ी के प्रगतिशील किसान विजय सैनी गन्ने की खेती करते हैं, जिसने 2021 के अक्टूबर माह में गन्ना का बीज मिल से लाकर बोया था, जिसमें गाजर भी सहफसली फसल बोई थी।किसान के बेटे प्रवीण सैनी ने बताया कि हमने मिल अधिकारी रमेश प्रताप सिंह के कहने पर 0118 गन्ना प्रजाति बोई थी। बुवाई के समय 40 इंच गन्ने से गन्ने की दूरी रखी थी, जिसमें बुवाई के समय 20 किलो सुपर फास्फेट,5 किलो पोटाश व 5 किलो यूरिया डाला था।उसके बाद समयानुसार पेस्टीसाइड का छिड़काव किया। खरपतवार के लिए नुलाई करवाई थी, जिससे गन्ने की लंबाई 18 फुट की हो गई। फलस्वरूप उसको पांच बार सीढ़ी लगाकर गन्ना बंधवाना पड़ा। एक गन्ने का वजन छह किलो निकला। अब फसल को मिल में डाला तो तीन बीघे में 400 कुंतल गन्ना मिला, जो आज के दाम के हिसाब से एक लाख 30 हजार से अधिक का है। गन्ने को देखने के लिए मिल से अधिकारी भी कई बार आए हैं। वहीं गाजर की सहफसली फसल भी करीब 35 हजार रुपये की हो गई थी। बता दें गंगोह क्षेत्र में अधिकांश किसानों का प्रति बीघा 70 कुंतल तक ही गन्ना निकलता है, जिससे विजय सैनी ने इस धारणा को बदल दिया है। अन्य किसान भी उनसे गन्ने की खेती करने के तौर तरीके-पूूछनेआते हैं।
वर्जन...
विजय सैनी गन्ने की खेती में वैज्ञानिक ²ष्टिकोण अपनाते हैं, जिनके गन्ने को हम समय-समय पर प्रदर्शनी में भी दिखाते हैं। अन्य किसानों के लिए यह प्रेरणास्त्रोत बने हैं। इनसे अन्य किसान भी सीख लेकर गन्ने की फसल में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
रमेश प्रताप सिंह, शेरमऊ गन्ना विकास अधिकारी, सहारनपुर

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