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    निजी ट्रामा सेंटरों में ताक पर नियम, दो सरकारी ट्रामा सेंटरों में होता है गंभीर उपचार

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 21 Jul 2021 06:28 PM (IST)

    वैसे शहर में ट्रामा सेंटरों की भरमार है लेकिन सरकारी ट्रामा सेंटर की बात करें तो केवल एक ट्रामा सेंटर एसबीडी जिला अस्पताल में और दूसरा मेडिकल कालेज में है। यहां पर पूरे नियम के साथ ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। हालांकि निजी अस्पतालों में कदम कदम पर बनाए गए ट्रामा सेंटरों में नियम ताक पर रखकर चलाए जा रहे हैं। सीएमओ डा. संजीव मांगलिक का कहना है कि ट्रामा सेंटरों की समय समय पर जांच होती रहती है।

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    निजी ट्रामा सेंटरों में ताक पर नियम, दो सरकारी ट्रामा सेंटरों में होता है गंभीर उपचार

    जेएनएन, सहारनपुर। वैसे शहर में ट्रामा सेंटरों की भरमार है, लेकिन सरकारी ट्रामा सेंटर की बात करें तो केवल एक ट्रामा सेंटर एसबीडी जिला अस्पताल में और दूसरा मेडिकल कालेज में है। यहां पर पूरे नियम के साथ ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। हालांकि निजी अस्पतालों में कदम कदम पर बनाए गए ट्रामा सेंटरों में नियम ताक पर रखकर चलाए जा रहे हैं। सीएमओ डा. संजीव मांगलिक का कहना है कि ट्रामा सेंटरों की समय समय पर जांच होती रहती है। निजी अस्पताल के संचालकों से 52 पेज की एक रिपोर्ट हर वर्ष मांगी जाती है। जिसे वह पूरा करके देते हैं। धरातल पर पहुंचकर भी जांच की जाती है।

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    बता दें कि सहारनपुर में करीब 10 साल पहले ट्रामा सेंटर स्थापित हुआ था। शासन के आदेश के बाद यहां पर इमरजेंसी मेडिकल आफिसर की तैनाती काफी समय बाद की गई थी। हालांकि वर्तमान में यह ट्रामा सेंटर चल रहा है। ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी मरीज को भर्ती किया जाता है। शहर के दिल्ली रोड स्थित कई निजी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर की सुविधा है, लेकिन यहां पर सही से उपचार नहीं मिलने के कारण कई मरीज अपनी जान गवां चुके हैं। सीएमओ डा. संजीव मांगलिक ने बताया कि ट्रामा सेंटर के नियम जिन अस्पतालों ने पूरे नहीं किए हैं। इस विषय पर एक अभियान चलाया जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ के अनुसार, शहर में लगभग 20 से 25 ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि उनका स्टाफ हड़ताल पर चल रहा है। सही आंकड़ा वह रिकार्ड देखकर ही बता सकते हैं। ये है ट्रामा सेंटर की गाइडलाइन

    सीएमओ डा. संजीव मांगलिक ने बताया कि ट्रामा सेंटर खोलने के लिए लाइफ स्पोर्ट लाइफ एंबुलेंस होनी चाहिए। इसके अलावा आइसीयू, ट्रामा ओटी, ओ‌र्ब्जवेशन वार्ड, स्पेशलिस्ट वार्ड, डायग्नोस्टिक वार्ड, लैबोरेट्री एवं ब्लड बैंक, पोस्टमार्टम गृह आदि होने चाहिए। 51 टेस्ट मशीने भी अनिवार्य

    सीएमओ ने बताया कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार, ट्रामा सेंटर में सिटी स्कैन, पोर्टटेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, आइएफटी मशीन, एनिथिसिया यंत्र, हाई वेयकूम मशीन, ट्रांसपोर्ट वेटिलेटर, आइसीयू बेड, एक्सरे मशीन आदि 51 मशीने होना भी अनिवार्य है। यह स्पेशलिस्ट होने चाहिए तैनात

    इमरजेंसी मेडिकल आफिसर के अलावा ट्रामा सेंटर में न्यूरो सर्जन, रेडियोलाजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन, आर्थोपेडिक सर्जन, जनरल सर्जन तैनात होने चाहिए। ताकि मरीजों को समय पर और जल्द ही हर तरह का उपचार मिल सके। -------सर्वेंद्र