Saharanpur: दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत, कार से घिसटते रहे बाइक सवार
Saharanpur News मरने वालों में एक बच्चा दो महिलाएं और पुरुष हैं शामिल। बड़गांव क्षेत्र में भी एक युवक की सड़क हादसे में हुई मौत। गंभीर हालत में एक बच्चे को चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पुलिस ने सभी पोस्टमार्टम कराए हैं।
बेहट, जागरण टीम। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर सड़क हादसे में एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। मरने वालों में एक बच्चा, दो महिलाएं और पुरुष शामिल हैं। वहीं, एक बच्चे को गंभीर हालत में चंडीगढ़ रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत से गांव में शोक की लहर है। एक ही बाइक पर पांचों सवार थे। बाइक की कार से टक्कर हुई है। कार सवारों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, जब पुलिस कार सवारों को ले जाने लगी तो ग्रामीणों ने पुलिस की कार को घेरकर हंगामा किया।
घर जा रहे थे बाइक सवार
मिर्जापुर थानाक्षेत्र के गांव खुशहालपुर निवासी 26 वर्षीय नसीम पुत्र हाशिम अपनी 50 वर्षीय मां नसीरा, 25 वर्षीय भाभी तरन्नुम पत्नी तासीन, तीन वर्षीय भतीजी रिजा पुत्री तासीन व चार माह का भतीजा रय्यान पुत्र तासीन एक ही बाइक पर आलमपुर गांव से रिश्तेदारी से अंतिम संस्कार में होकर वापस लौट रहे थे। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे जब बाइक जाटोवाला गांव के दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर पहुंची तो सामने से आ रही तेज गति से एक कार ने बाइक को टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार कार के नीचे फंस गए और काफी दूर तक घसीटते हुए चले गए। नसीम और रिजा ने मौके पर दम तोड़ दिया, जबकि नसीरा और तरन्नुम को सीएचसी ले जाया गया। मासूम रियान को एसबीडी अस्पताल ले जाया गया। उपचार के दौरान रियान को छोड़कर सभी ने दम तोड़ दिया। रियान को चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
ग्रामीणों का हंगामा, पुलिस जीप का किया घेराव
दुर्घटना स्थल से मृतकों का गांव नजदीक है। इसलिए गांव हादसे की सूचना पहुंची तो सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौके पर आ गए और कार सवारों को पीटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें अपनी जीप में बैठाकर थाने ले गई। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस की जीप का घेराव कर हंगामा भी काटा। भीड़ ने आरोपितों की कार में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया।
ओवरस्पीड रही हादसे का कारण
सीओ मुनीश चंद्र ने बताया कि कार बेहद तेज स्पीड से थी। यदि कार की स्पीड कम होती तो शायद मृतकों की जान बच सकती थी। इसके अलावा किसी ने भी हेलमेट नहीं लगाया हुआ था। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि नसीम की बाइक की स्पीड कम थी। नसीम पर हेलमेट होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।