दुबई में बैठा डा. आदिल का भाई मुजफ्फर भेजता था आतंकी डाक्टर को रकम, 15 से पहले चाहिए था पैसा... न मिलने पर छोड़ दी थी नौकरी
जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस को डा. आदिल के बैंक खाते से लेनदेन का पता चला है। दुबई में बैठा उसका भाई मुजफ्फर उसे हर महीने पैसे भेजता था, जो उसे 15 तारीख से पहले चाहिए होते थे। अस्पताल से पता चला है कि आदिल को वेतन भी समय से पहले चाहिए था, इसलिए उसने नौकरी छोड़ दी। खुफिया एजेंसियों को आदिल द्वारा मुजम्मिल को पैसे भेजने के सबूत भी मिले हैं।

जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस को डा. आदिल के बैंक खाते से लेनदेन का पता चला है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस को डा. आदिल अहमद के पास से कुछ अहम दस्तावेज और पुराना रिकार्ड मिला है। उसके बैंक खाते से लेनेदन भी हुआ। दुबई में बैठकर डा.मुजफ्फर अपने भाई डा. आदिल को रकम भेजता था। डा. आदिल को रकम महीने की पंद्रह तारीख से पहले चाहिए होती थी। वि-बारेस अस्पताल से भी जानकारी मिली है कि डा.आदिल को वेतन भी 15 तारीख से पहले चाहिए होता था, लेकिन वहां पर वेतन समय से नहीं मिल पा रहा था, इसलिए उसने अस्पताल से नौकरी भी छोड़ दी थी। उधर, खुफिया एजेंसियों को डा. आदिल के खाते से मुजम्मिल को भी रकम भेजने के साक्ष्य भी मिले है।
आतंकी माड्यूल से जुड़े डा. आदिल अहमद के नेटवर्क को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस और जांच एजेंसियों को नए और पुख्ता इनपुट मिल रहे हैं। पिछले पांच दिन से जम्मू-कश्मीर पुलिस और एटीएस की संयुक्त टीम जांच में जुटी है। आदिल के पास से कई अहम दस्तावेज, पुराने रिकार्ड और बैंक लेनदेन का डेटा बरामद हुआ है। एक जांच अधिकारी ने बताया कि जांच में सबसे बड़ा राजफाश यह है कि दुबई में बैठा उसका बड़ा भाई डा. मुजफ्फर हर महीने नियमित रूप से रकम भेजता था।
यह राशि हर बार 15 तारीख से पहले ही भेजी जाती थी, क्योंकि आदिल को पैसों की जरूरत इसी अवधि में पड़ती थी। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह लेनदेन सिर्फ निजी उपयोग का नहीं था, बल्कि किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। इस दौरान वि-बारेस अस्पताल से मिली जानकारी ने भी आदिल की आर्थिक स्थितियों पर नई रोशनी डाली है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि आदिल हर महीने 15 तारीख से पहले वेतन मिलने की मांग करता था, लेकिन अस्पताल में वेतन निर्धारित तारीख पर नहीं मिल पाता था।
इसी बात से नाराज होकर उसने अचानक अस्पताल की नौकरी भी छोड़ दी थी। ऐसे में उसकी यह जल्दबाजी और आर्थिक दबाव व कई अन्य संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि समय पर रकम दूसरे लोगों को देनी होती थी। खुफिया एजेंसी को डा. आदिल के बैंक खाते से फिरोदाबाद में रहने वाले मुजम्मिल को भेजी गई रकम के साक्ष्य भी हाथ लगे हैं। यह लेनदेन बेहद संदिग्ध माना जा रहा है।

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