अगर आप इस एक्सप्रेस-वे पर सफर करेंगे तो देना पड़ सकता है Double Toll, जोर का झटका देने की तैयारी कर रहा NHAI
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों को दोहरे टोल का झटका लगने की आशंका है। एनएचएआई ने सैयद माजरा टोल प्लाजा को हटाने की योजना बदल दी है जिससे यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। नियमों के अनुसार दो टोल प्लाजा के बीच 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए जिसका यहां उल्लंघन हो रहा है।

अरविंद शर्मा, छुटमलपुर। सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण दिल्ली सहारनपुर देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तथा पंचकूला सहारनपुर रुड़की एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले हल्के वाहनों व वाणिज्यिक वाहन स्वामियों को जोर का झटका देने की तैयारी में है।
पहले सैयद माजरा टोल प्लाजा को हटाकर इसे गणेशपुर में शिफ्ट किया जाना था, परंतु अब एनएचएआइ अधिकारियों ने सैयद माजरा टोल प्लाजा को हटाने की अपनी योजना को बदलते हुए इस टोल प्लाजा पर भी शुल्क वसूली जारी रखने की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। इस नई योजना से बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों सहित कार जीप से यात्रा करने वालों तथा ट्रकों आदि से माल लाने ले जाने वाले वाहन स्वामियों की जेबों पर कर का अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियमों के अनुसार दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर निर्धारित की गई है। गणेशपुर में टोल प्लाजा स्थापित होने के बाद सैयद माजरा टोल प्लाजा राजमार्ग मंत्रालय के न्यूनतम दूरी के मानकों पर कहीं भी खरा नहीं उतरता है।
सैयद माजरा टोल प्लाजा पंचकूला सहारनपुर रुड़की तथा दिल्ली सहारनपुर देहरादून दोनों ही राजमार्गों पर पड़ता है। ऐसे में इन दोनों ही राजमार्गों पर सफर करने वाले वाहनों को शुल्क का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। शीघ्र ही दिल्ली देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर गणेशपुर के निकट टोल प्लाजा पर शुल्क वसूली का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
ऐसे में इस राजमार्ग पर आने जाने वाले वाहनों को एक अतिरिक्त टोल शुल्क देना होगा। रुड़की पंचकुला मार्ग पर भगवानपुर के निकट भी एक टोल प्लाजा स्थापित है। इस टोल प्लाजा से सैयद माजरा टोल प्लाजा की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है।इसी राजमार्ग पर सरसावा के निकट तीसरा टोल प्लाजा है।
इसकी दूरी सैयद माजरा टोल प्लाजा से लगभग 48 किलोमीटर पड़ती है। गणेशपुर टोल प्लाजा से सैयद माजरा टोल प्लाजा की दूरी भी लगभग 23 किलोमीटर पड़ती है।ऐसे में दोनों ही राजमार्गों पर न्यूनतम दूरी के मानकों को पूरी तरह से भुला दिया गया है।
हालांकि एनएचएआई के अधिकारी नई योजना के संबंध में खुलकर बताने से बच रहे है। सूत्रों के अनुसार एनएचएआई अध्यक्ष संतोष कुमार यादव द्वारा सैयद माजरा टोल प्लाजा को न हटाने के संबंध में मौखिक निर्देश दिए गए हैं।इसी के बाद सैयद माजरा टोल प्लाजा पर जो छूट व निर्धारित नियमों संबंधित बोर्ड उखाड़ लिए गए थे उन्हें अब दोबारा से लगाए जाने की प्रक्रिया पर अमल शुरू कर दिया गया है।
हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा
बेहट विधायक उमर अली खान का कहना है कि गणेशपुर टोल प्लाजा शुरू होने से पहले सैयद माजरा टोल प्लाजा को बंद किया जाना निश्चित है। यदि सैयद माजरा टोल प्लाजा पर भी शुल्क वसूली जारी रहेगी तो इसका हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा।
कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड प्रभारी एडवोकेट मुजतबा मलिक का कहना है कि गणेशपुर एवं सैयद माजरा दोनों ही जगह टोल प्लाजा के माध्यम से शुल्क वसूली किसी भी तरह से जायज नहीं है। राजमार्ग मंत्रालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि 60 किलोमीटर की दूरी से पहले टोल प्लाजा स्थापित नहीं किया जाएगा। परंतु यदि सैयद माजरा टोल को समाप्त नहीं किया जाता तो इसके खिलाफ जन आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह जनता की जेब को सीधे-सीधे ढीली करने का साधन ही कहा जाएगा।
दोनों ही टोल पर शुल्क वसूली उचित नहीं
भाकियू टिकैत के जिला अध्यक्ष नरेश स्वामी का कहना है कि दोनों ही टोल पर शुल्क वसूली किसी भी तरह से उचित नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय व परिवहन मंत्री के समक्ष इस मामले को प्रमुखता से उठाकर विरोध किया जाएगा।
एनएचएआइ के रूड़की संभाग परियोजना निदेशक प्रदीप गोंसाई से ने बताया कि संबंधित टोल प्लाजा जिन राजमार्गों पर स्थित है उनकी संख्या अलग-अलग है। गणेशपुर में जो टोल प्लाजा स्थापित किया जा रहा है वह नया है। तथा इससे उत्तर प्रदेश के गणेशपुर से लेकर उत्तराखंड के आशारोडी तक के एलिवेटेड रोड का शुल्क वसूला जाएगा।
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