Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वीर हनुमान के भजनों से भक्तजन आनंद के सागर में डूबे

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 16 Feb 2022 07:10 PM (IST)

    सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम के 14वें वार्षिक उत्सव के दूसरे दिन संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। भजनों से भक्तजन आनंद के सागर में डूब गए। भजन बस ...और पढ़ें

    Hero Image
    वीर हनुमान के भजनों से भक्तजन आनंद के सागर में डूबे

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर।

    सिद्धपीठ श्री बालाजी धाम के 14वें वार्षिक उत्सव के दूसरे दिन संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। भजनों से भक्तजन आनंद के सागर में डूब गए। भजन, बस एक बार आ जा हनुमान की शरण में, मेरे रघुनाथ है सिर पर-हमें किस बात की चिता आदि भजनों से वातावरण धर्ममय हो गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेहट रोड स्थित श्री बालाजी धाम में श्री बालाजी सेवा समिति के तत्वाधान में चल रहे धाम के 14वें वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन पाठ में पंडित अजय याज्ञनिक ने भक्तिमय वातावरण में श्री सुंदरकांड पाठ का अर्थ समझाया। भजनों से उन्होंने भक्तों को आनंद के सागर में स्नान कराया। भजन बस एक बार आजा हनुमान की शरण में, मेरे रघुनाथ है सिर पर-हमें किस बात की चिता, मैं तो तेरे राम का, राम जी हमारे है, आदि भजनों से भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पं.अजय याज्ञनिक ने बताया कि आज के वातावरण में बच्चों में संस्कार डालना जरूरी है। बच्चों को प्रात: काल भगवान दर्शन, बड़ों के चरण स्पर्श, ईश वंदना अवश्य करानी चाहिए। अगर हमारी किशोर व युवा पीढ़ी चरित्रवान व संस्कार होगी तो हमारा भविष्य उज्जवल होगा। इससे पूर्व धाम के संस्थापक अतुल जोशी महाराज, मेयर संजीव वालिया व एसडीओ सुधीर कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आयोजित कार्यक्रम में आचार्य अमित भारद्वाज, आचार्य श्रवण, आचार्य मोहित कौशिक, आचार्य दीपक अग्निहोत्री, आचार्य शुभम कौशिक, आचार्य शांतनु देव ने पूजन कराया। सुंदरकांड पाठ में अंतरराष्ट्रीय ध्यान गुरु स्वामी दीपांकर महाराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में राजन शांडिल्य, पंकज अरोड़ा, मयंक जोशी, अजय सूरी, सुरेंद्र कुमार, विजय कुमार, तपेश्वर, विवेक गुप्ता, सतीश गुप्ता, बलबीर सिंह, रामप्रताप शुक्ला, कार्तिक शर्मा, शुभम सैनी, अनिल सैनी आदि उपस्थित रहे। संचालन आचार्य दीपक अग्निहोत्री ने किया।