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    दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर लश्करपुर पुल के सेक्शन स्लैब व पैनल खिसके... बंद करना पड़ा वाहनों का संचालन

    By Sanjeev Kumar Gupta Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 06:25 PM (IST)

    दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर लश्करपुर पुल के स्लैब और पैनल खिसकने से यातायात बाधित हो गया है। सुरक्षा को देखते हुए वाहनों का संचालन रोक दिया गया है। पुल की मरम्मत का कार्य जारी है और अधिकारियों का कहना है कि इसे जल्द ही यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

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    छुटमलपुर के चमारीखेड़ा पुल के स्लैब बदलने के लिए खोदी गई पुल की सड़क। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, छुटमलपुर, (सहारनपुर)। दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर लश्करपुर पुल के सेक्शन स्लैब व पैनल खिसक जाने से सैयद माजरा से बड़कला तक हाईवे पर वाहनों का संचालन बंद हो गया है, जिससे हाईवे पर फर्राटा भरने का सपना संजोए वाहन चालकों में मायूसी है। दिल्ली को देहरादून का सफर मात्र ढाई घंटे में पूरा करने के दावों के चलते हाईवे परियोजना के उद्घाटन की समय सीमा भी एक बार फिर बढ़ने की आशंका है।

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    ग्रीनफील्ड हाईवे स्थित सैयद माजरा टोल प्लाजा से शुरू होने वाले पुल के लगभग 100 फीट हिस्से के पैनल हाल ही में खिसक गए थे। बताया गया कि पिछले दिनों हुई बरसाती पानी के कारण यह पैनल अपने स्थान से खिसके हैं। आडिट टीम की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ। आनन-फानन में एनएचएआइ अधिकारियों ने पुल के एक साइड के इस हिस्से की पूरी सड़क को तोड़कर मिट्टी खोदाई शुरू की है, इन सभी पैनलों व सेक्शन स्लैब को निकालने का काम शुरू किया है। सैयद माजरा टोलप्लाजा से बड़कला फ्लाईओवर तक हाईवे पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। बुधवार सुबह एक ट्राला गागलहेड़ी की ओर से जब छुटमलपुर आ रहा था तो वह हरौड़ा पुल की रेलिंग तोड़ता हुआ सर्विस रोड को पारकर पास के ही बाग में घुस गया, जिस कारण हरोड़ा तथा सैयद माजरा पुलों पर भी यातायात बंद करना पड़ा।

    उद्घाटन की टाइमलाइन में देरी
    210 किमी लंबे दिल्ली-देहरादून हाईवे को लेकर एक बार फिर टाइमलाइन आगे खिसकने की आशंका है। एनएचएआई अधिकारी हाईवे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समय लिए जाने को लेकर पीएमओ के कार्यालय के संपर्क में हैं। बताते चलें कि हाईवे के शुभारंभ की तिथि कई बार बढ़ाई जा चुकी है। पहले इसे दिसंबर-2024 तक पूरा किया जाना था। जून मे निरीक्षण को आए एनएचएआई अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने अधिकारियों को हाईवे का सभी काम जुलाई तक पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद फिर अक्टूबर-2025 की समय सीमा तय की गई थी।

    पिलर्स को जैकेट पहनाने का काम जारी
    दिल्ली की ओर से पहला चरण अक्षरधाम से बागपत जिले के खेकड़ा तक, दूसरा चरण बागपत से सहारनपुर तक है। तीसरे चरण में सहारनपुर में नागल के लाखनौर से गणेशपुर तक का कार्य 95 प्रतिशत पूरा हो चुका है। चौथे चरण में गणेशपुर से आशारोड़ी तक एलिवेटिड हिस्से पर सुरक्षा और फिनिशिंग का काम जारी है। मानसून के दौरान देहरादून क्षेत्र में बरसाती नदियों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए एलिवेटिड रोड के 575 पिलरों में से पानी की तेज धारा में आने वाले लगभग 24 पिलरों को डेढ़ से दो फीट मोटाई बढाकर पिलर्स को जैकेट पहनाने का कार्य प्रगति पर है।

    अगले महीने तक चलेंगे सुरक्षा कार्य
    डाटकाली मंदिर के पास सुरक्षा कार्य, मोबाइल टावर इंस्टालेशन और टनल फिनिशिंग जैसे काम दिसंबर तक पूरे होने की संभावना है।इसके अलावा गागलहेडी कट से शेरपुर के बीच बने पुलों पर रिफ्लेक्टिव रोड स्टड, ट्रैफिक कौन और बैरिकेट्स, मेटल बीम हाईवे गार्ड रेल, ट्रैफिक सिग्नल एवं एसओएस बाक्स आदि लगाने का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है।हाईवे पर कई जगहों पर बनाई गई सडक टूट गई है, उसका पैच वर्क भी किया जा रहा है।

    12 किमी का ऐलीवेटिड सेक्शन तैयार
    एनएचएआई ने भारी बारिश और बाढ़ की संभावित स्थितियों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली-देहरादून हाईवे पर डाटकाली मंदिर से गणेशपुर तक 12 किमी का ऐलिवेटिड सेक्शन तैयार है। यह हिस्सा पहाड़ी बरसाती नदी के ऊपर बनाया गया है। पिछले दिनों मोहंड का पुराना मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण ऐलिवेटिड रोड के छह लेन में 17 सितंबर से एक सप्ताह तक ट्रैफिक सुचारू रूप से चलाया गया है। सहारनपुर क्षेत्र में पड़ने वाले 41 किलोमीटर लाखनौर से गणेशपुर तक के मार्ग पर भी वाहनों की टेस्टिंग हो चुकी है। यह एशिया का सबसे लंबा इको-कारिडोर माना जा रहा है। परियोजना की खासियत 12 किलोमीटर लंबा ऐलिवेटिड कारिडोर है, जो राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। इसमें छह एनिमल अंडरपास, दो हाथी अंडरपास,113 अंडरपास,76 किमी सर्विस रोड, 62 बस शेल्टर,16 प्रवेश और निकास द्वार, 5 रेलवे ओवरब्रिज सहित कई हाईवे से इंटरलिंक इसकी खासियत हैं।इसके साथ ही डाट काली मंदिर के पास 1995 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 340 मीटर लंबी तीन लेन सुरंग भी शामिल है। सुरंग का कार्य भी अभी अधूरा है।

    स्लैब तथा पैनल बदलने का कार्य शुरू
    जांच टीम के निर्देशों के अनुसार पुल के इस हिस्से के स्लैब तथा पैनल आदि बदलने का कार्य शुरू किया गया है इसके लगभग एक सप्ताह में पूरा होने की संभावना है। रिफ्लेक्टर व रोड मार्किंग आदि का कार्य भी तेज गति से किया जा रहा है। अभी तक हाईवे के शुभारंभ होने की कोई निश्चित तारीख नहीं मिली है।-प्रदीप गौंसाई, पीडी एनएचएआइ रुड़की