गजवा-ए-हिंद पर दिए फतवे पर दारुल उलूम ने भेजा स्पष्टीकरण, कहा- 'हदीस की पुस्तक के हवाले से दिया था जवाब'
Ghazva E Hind Case इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद द्वारा गजवा-ए-हिंद पर दिए फतवे को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ज ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद द्वारा गजवा-ए-हिंद पर दिए फतवे को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट दर्ज करने को पत्र लिखा था।
दारुल उलूम प्रबंधन ने मामले पर अपना स्पष्टीकरण देते हुए जिला प्रशासन को लिखित जवाब सौंपा है। एनसीपीसीआर ने गुरुवार को पत्र भेजकर फतवे पर गहरी नाराजगी जताई थी। उसी दिन स्थानीय अधिकारियों ने संस्था में पहुंच जानकारी ली थी। अधिकारियों ने दारुल उलूम से इस मसले पर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा था।
दारुम उलूम ने डीएम-एसएसपी को भेजा जवाब
शनिवार को दारुल उलूम प्रबंधन ने अपना लिखित जवाब डीएम डा. दिनेश चंद्र और एसएसपी डा. विपिन ताडा को भेज दिया। दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि इस मामले में जिला प्रशासन को लिखित जवाब भेजा गया है।
जवाब में बताया गया है कि उक्त फतवा नया नहीं है, बल्कि नौ साल पुराना है। कहा गया है कि फतवे में अपनी राय नहीं दी जाती, बल्कि शरीयत के दृष्टिकोण से सवाल का जवाब दिया जाता है। जिस फतवे पर विवाद खड़ा किया जा रहा है, उसका जवाब भी हदीस की पुस्तक के हवाले से दिया गया था।
एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि सीओ देवबंद प्रकरण की जांच कर रहे हैं। अभी उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
28 से शूरा की बैठक, छाएगा फतवा प्रकरण
28 फरवरी से संस्था की सुप्रीम कमेटी मजलिस-ए-शूरा की बैठक शुरू होगी। तीन दिन चलने वाली बैठक में फतवा प्रकरण पर भी चर्चा हो सकती है। संस्था के तंजीम व तरक्की विभाग के उपप्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि बैठक में शिक्षा व छात्रों के रहन सहन को बेहतर बनाने समेत अन्य व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाए जाने पर चर्चा होगी।

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