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    कड़ाके की ठंड में खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज बढ़े, बच्‍चों को स्‍वस्‍थ रखने को इन बातों का रखें ध्‍यान

    By Sanjeev Kumar Gupta Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 24 Dec 2025 06:30 AM (IST)

    कड़ाके की ठंड के कारण खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। सहारनपुर के एसबीडी जिला चिकित्सालय में भी खांसी-जुकाम के मरीजों की ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक फोटो

    जागरण संवाददाता, सहारनपुर। इन दिनों कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। सुबह-सवेरे घने कोहरे के कारण वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, जिससे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है।

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    एसबीडी जिला चिकित्सालय में खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चिकित्सालय में खांसी-जुकाम और बुखार से पीड़ित 260 मरीज पहुंचे। इसके अलावा, हड्डी रोग के 106, चेस्ट के 66, स्किन के 94 और नाक-कान गले से संबंधित 69 मरीज भी उपचार के लिए आए। कुल मिलाकर ओपीडी में 920 मरीजों ने पंजीकरण कराया।

    प्रमुख अधीक्षक डा. सुधा कुमारी ने बताया कि चिकित्सालय में मरीजों के उपचार और जांच की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। वरिष्ठ फिजिशियन डा. अनिल वोहरा ने सलाह दी है कि ठंड से बचने के लिए ऊनी कपड़े पहनना आवश्यक है और हल्के गुनगुने पानी का सेवन लाभदायक होता है।

    बच्चों में बढ़ी सर्दी-खांसी और बुखार की परेशानी

    तापमान में कमी के चलते बड़ों के साथ-साथ बच्चों की परेशानी भी बढ़ी है। मौसम में परिवर्तन का असर बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। उनमें सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या बढ़ी है। डाक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव का बच्चों व शिशुओं पर अधिक असर पड़ता है। ऐसे में सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। 

    बिना कैप, जुराब और दस्तानों के बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें।

    उन्हें गुनगुना पानी दें। परेशानी होने पर डाक्टर से संपर्क जरूर करें।

    आने वाले कुछ दिनों में तापमान में वृदि होगी। ऐसे समय में बच्चों में दस्त, उल्टी, पेट दर्द और आंतों में इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है।

    बचाव के लिए बच्चे को फास्ट फूड के सेवन से रोकें। उसे पौष्टिक आहार दें।

    पेयजल की स्वच्छता का खास ख्याल रखें।

    उबला हुआ पानी पीने को दें।

    बच्चों को हाथ साफ करके भोजन करने की आदत डालें।

    खाने को ढक कर रखें।

    जिन बच्चों को टीके लगने हैं, उन्हें अवश्य लगवा लें, इसमें किसी तरह की लापरवाही न करें।