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    कैंसर से लड़कर भी जो जिंदा रही...सिस्टम ने उसे कागजों में 'मार' डाला, प्रशासन को अब अपना दर्द सुना रही एक वृद्धा

    By Manish Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 03:02 PM (IST)

    सहारनपुर के गंगोह में एक कैंसर पीड़िता को जिंदा होते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया, जिसके चलते उसका राशन कार्ड रद हो गया। अब वह महिला अपनी पहचान साबित करने और राशन कार्ड को फिर से प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही है। उसने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है, ताकि उसे भोजन और आवश्यक वस्तुएं मिल सकें। 

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    प्रशासन की लापरवाही के चलते एक वृद्धा खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रही है।(प्रतीकात्मक फोटो)

    संवाद सूत्र जागरण, गंगोह (सहारनपुर)। गंगोह क्षेत्र के गांव गांधीनगर में प्रशासन की लापरवाही के चलते एक वृद्धा खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रही है। यही नहीं, कैंसर से पीड़ित वृद्धा का राशन कार्ड भी काट दिया गया है। अब दंपती के सामने खाने पीने का भी संकट खड़ा हो गया है।

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    मामला गंगोह देहात के ग्राम गांधीनगर का है। यहां श्याम कौर पत्नी सीताराम (70) दंपती रहता है। जिनकी केवल एक लड़की है, जिसकी शादी हो चुकी है। श्याम को कैंसर है, वहीं सीताराम भी काफी बीमार रहते हैं। कमाने वाला कोई नहीं है। राशन कार्ड से राशन आता था तो किसी तरह इनका गुजर बसर चल रहा था। बताया कि करीब दो साल पूर्व उनका राशन कार्ड खत्म कर दिया गया। उन्होंने राशन डीलर, ग्राम प्रधान से लेकर अधिकारियों से राशन कार्ड बनवाने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

    परेशान होकर दंपती ने राशन कार्ड की डिटेल निकलवाई तो उन्हें पता चला कि उन्हें तो मृत दर्शा दिया गया है, जबकि वे जीवित हैं। यह सुनकर दंपती के होश उड़ गए। पूर्ति निरीक्षक विभाग ने एक जिंदा बुजुर्ग को मृत दिखाकर उसके राशन कार्ड से नाम हटा दिया. जिसके बाद अब वो ख़ुद के जिंदा होने का सबूत देते हुए अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं, ताकि उसे राशन मिल सके। नियमों के मुताबिक किसी मृत का नाम हटाने के लिए मृतक का मृत प्रमाण पत्र भी जरूरी होता है।

    ग्राम प्रधान रमेश सैनी का कहना है कि इस नाम के एक और दंपती थे गांव में उनकी मौत हो चुकी है। संबंधित अधिकारी ने किसी से पूछकर इनकी गलत रिपोर्ट लगा दी, जिससे इनका नाम मृतक सूची मे चला गया। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव कर आपूर्ति विभाग में दिया गया है। उनका पूरा प्रयास है कि पीड़िता को न्याय मिले। इस संबंध में एसडीएम सुरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।