तितलियों के संरक्षण के लिए बटर फ्लाई पार्क का शुभारंभ
मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि 40 वर्षों में तितलियों की जनसंख्या एवं प्रजातियों में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सहारनपुर जेएनएन। मंडलायुक्त संजय कुमार ने कहा कि 40 वर्षों में तितलियों की संख्या एवं प्रजातियों में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट हमारे द्वारा प्रकृति के साथ की गई छेड़छाड़ का परिणाम है। हमारे द्वारा किए जा रहे अत्यधिक कीटनाशकों के उपयोग व ग्लोबल वार्मिंग इसका प्रमुख कारण हैं। वर्तमान में इन खूबसूरत जीवों को लुप्त होने से बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। इसके दृष्टिगत तितलियों का संरक्षण व उनके विकास के लिए प्रदेश में बटरफ्लाई गार्डनिग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
मंडलायुक्त ने औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र परिसर (कंपनी बाग) में नव विकसित बटर फ्लाई पार्क का शुभारंभ कर तितली पार्क को सहारनपुर मंडल एवं पउप्र का एक आकर्षण बताते हुए इसकी महता पर प्रकाश डाला। साथ ही केन्द्र परिसर में स्मार्ट सिटी, सहारनपुर योजनान्तर्गत कराए जा रहे विभिन्न गेटों का नवीनीकरण, केन्द्र के भ्रमण मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था, 5 किमी अतिरिक्त भ्रमण मार्ग का निर्माण कराना, योगा पार्क, दादा-दादी पार्क, केन्द्र परिसर पर अनुपयोगी स्थलों को विकसित किया जाना आदि की जानकारी प्रदान की। वन संरक्षक वीके जैन ने तितली पार्क को प्रदेश का सबसे पहला पार्क बताते हुए इसमें 56 प्रकार की प्रजाति की तितलियों के संरक्षण के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। नगर आयुक्त ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि इस पार्क का लगभग 4 एकड़ में सहारनपुर विकास प्राधिकरण एवं उद्यान विकास समिति के सहयोग से निर्माण गया है। पार्क में 56 प्रजातियों की तितलियों के विकास के लिए उनके जीवनचक्र के अनुकूल 86 प्रकार के कुल 15590 होस्ट एवं नेक्टर पौधों का रोपण कराया गया है। पार्क से लोगों को स्वास्थ्य लाभ के साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता एवं तितलियों जीवनचक्र व उनके संरक्षण के विषय में अधिक जानकारी प्राप्त होगी तथा प्रदेश में बटरफ्लाई गार्डनिग को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान राजेश प्रसाद, संयुक्त निदेशक उद्यान, डीपी सिंह, सचिव एडीए अतुल राय जादा, अनिल कुमार मिश्रा, सुनील कुमार, रमन कुमार, डा. आईए सिद्दीकी, फ्रूट पैथोलोजिस्ट, आभा जोशी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर कमिश्नर संजय कुमार ने केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 200 माली एवं 76 मशरूम प्रशिक्षणार्थियों को माली टूलकिट व प्रशिक्षण प्रमाण-पत्रों का वितरण भी किया।
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