Saharanpur News: टपरी-नागल रोड पर 36 करोड़ से बनेगा पुल, रेलवे क्रॉसिंग के जाम से मिलेगी मुक्ति
सहारनपुर में टपरी-नागल रोड पर रेलवे फाटक पर 36.57 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण शुरू हो गया है। दो साल में बनने वाले इस पुल से सहारनपुर-मुजफ्फरनगर-मेरठ मार्ग पर यातायात सुगम होगा। भूमि पूजन किया गया। इस पुल से 20 से अधिक गांवों के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और फाटक पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। सहारनपुर से मुजफ्फरनगर-मेरठ की ओर आने-जाने वाले वाहनों को टपरी-नागल रोड पर पड़ने वाले रेल फाटक पर पुल बनने से बड़ी राहत मिलने वाली है। दो वर्ष में रेल फाटक पर 36.57 करोड़ की लागत से यह फ्लाइओवर बनकर तैयार होगा। हवन-यज्ञ के साथ मंगलवार को भूमि पूजन किया गया। टू-लेन 7.5 मीटर चौड़े पुल की लंबाई 640 मीटर होगी। इस रोड पर 24 घंटे में दस हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन निकलते है।
पेपर मिल रोड पर 220 केवी बिजलीघर से आगे रेललाइन पर पुल के निर्माण के बाद यात्रियों को बड़ी राहत मिली थी।पुल के टपरी-नागल रोड पर उतरने के बाद रूड़की-टपरी लाइन पर रेल फाटक पड़ता है। कई बार फाटक बंद के कारण सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती है और टपरी स्टेशन से गाड़ी पकड़ने वाले यात्रियों की कई बार ट्रेन छूट जाती है। 36.57 करोड़ की लागत से पुल निर्माण के लिए भूमि पूजन लोक निर्माण राज्यमंत्री बृजेश सिंह व विधायक देवेंद्र निम ने किया। टू-लेन पुल की चौड़ाई 7.5 मीटर और लंबाई 640 मीटर होगी। पुल निर्माण में दो वर्ष का समय लगेगा।
रेलवे के हिस्से की लागत 13.94 करोड़ तथा सेतु निगम की लागत 22.62 करोड़ से अधिक होगी। पुल के निर्माण से सहारनपुर से नागल-देवबंद-मुजफ्फरनगर-मेरठ की ओर तथा उधर से सहारनपुर की ओर आने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा। मार्ग पर 24 घंटे में आठ से दस हजार छोटे बड़े वाहन गुजरते है। इसके अलावा टपरी-नागल रोड पर पड़ने वाले 20 से अधिक गांवों के लाखों लोगों को भी लाभ मिलेगा। भूमि पूजन में सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक सत्येंद्र सिंह, लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता धर्मेन्द्र सिंह सहित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
भूमि पूजन के साथ फ्लाईओवर का कार्य शुरू हो गया है। करीब साढ़े 36 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पुल का निर्माण निर्धारित दो साल की अवधि में पूरा कर लिया जाएगा। इससे सड़क यातायात सुगम हो सकेगा।-सत्येंद्र सिंह, परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम
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