सावधान! यूपी के युवकों ने खोज लिया ATM से ठगी का नया तरीका, बस ये छोटी-सी चीज लगा देते थे; फिर फंस जाता था कार्ड
सहारनपुर पुलिस ने एटीएम कार्ड बदलकर पैसे निकालने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग एटीएम स्लॉट में एलफी लगाकर लोगों को गुमराह करते थे और उनके एटीएम से पैसे निकाल लेते थे। पुलिस ने इनके पास से एटीएम कार्ड एलफी और नकदी बरामद की है। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। सदर बाजार थाना पुलिस ने एटीएम कार्ड बदलकर रुपये निकालने वाले गिरोह के तीन ठगों को दबोचा है। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे एटीएम के स्लाट में एलफी लगा देते थे। इसके चलते एटीएम कार्ड फंसने पर पीड़ित कस्टमर केयर के स्थान पर पास ही लिखे उनके नंबर काल करता था और वे उसे गुमराह कर कुछ दूर बुला लेते थे। इस बीच गिरोह के साथी उसके एटीएम से नकदी निकाल लेते थे।
पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी व्योम बिंदल ने बताया कि सदर बाजार थाना क्षेत्र के कोरी माजरा निवासी सागर का एटीएम कार्ड बदलकर ठगों ने उसके खाते से 68 हजार रुपये निकाल लिए थे। वहीं रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव कृष्णी निवासी शुभम को एटीएम कार्ड चोरी कर उसके खाते से 75 हजार रुपये निकाल लिए गए थे। दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर सदर बाजार थाना पुलिस जांच में जुटी थी।
पुलिस ने तीन लोगों को किया गिरफ्तार
सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से पुलिस ने इस मामले में बुधवार को तीन ठगों को खलासी लाइन चौकी के पास से दबोच लिया। उनके पास से तीन एटीएम कार्ड, दो एलफी, 12 हजार रुपये, घटना में प्रयुक्त बाइक बरामद हुई।
आरोपितों की पहचान अनिल पुत्र खजान सिंह निवासी मढाके थाना सहपऊ हाथरस, पिंकी पुत्र जतीजी निवासी ग्राम मेढू थाना हाथरस जंक्शन और आबिद उर्फ मिंटू उर्फ कर्नल पुत्र ताहिर निवासी सोनापुर थाना डमढ़ा जिला पूर्निया बिहार के रूप में हुई। तीनों आरोपित वर्तमान में गौतमबुद्धनगर में अलग-अलग स्थानाें पर रह रहे थे।
पुलिस पूछताथ में बताई सच्चाई
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि तीनों मिलकर भोले-भाले लोगों को ठगते थे। वे एटीएम के कार्ड स्लाट पर एलफी लगा देते थे और मशीन पर कस्टमर केयर के बजाय अपना मोबाइल नंबर लिखकर चस्पा कर देते थे। इससे एटीएम कार्ड फंस जाता था। इस दौरान उनमें से एक साथी पीड़ित का एटीएम पिन देख लेता था।
पीड़ित उनके लिखे नंबर पर काल करता था तो वे उसे उसे गुमराह करके किसी अन्य स्थान पर बुला लेते थे तथा उनका साथी एटीएम से रुपये निकाल लेता था। कैश की लिमिट पूरी होने पर वे सुनार की दुकान पर कार्ड स्वाइप कराकर शेष रुपयों का सोना खरीद लेते थे।
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