Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौन बनेगा करोड़पति में अजय आनंद ने जीते 25 लाख

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 31 Dec 2020 11:30 PM (IST)

    केबीसी सीजन-12 में कौन बनेगा करोड़पति में सहारनपुर के सहायक आयुक्त आयकर अजय आनंद ने सवालों के जवाब दिए। अजय आनंद ने कुछ माह पहले ही यहां कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह देहरादून में तैनात थे।

    Hero Image
    कौन बनेगा करोड़पति में अजय आनंद ने जीते 25 लाख

    सहारनपुर, जेएनएन। केबीसी सीजन-12 में कौन बनेगा करोड़पति में सहारनपुर के सहायक आयुक्त आयकर अजय आनंद ने सवालों के जवाब दिए। अजय आनंद ने कुछ माह पहले ही यहां कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह देहरादून में तैनात थे। उन्होंने 25 लाख की राशि इनाम में जीती।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष-2020 के अंतिम दिन गुरुवार को सोनी चैनल पर प्रसारित शो कौन बनेगा करोड़पति में सहायक आयुक्त आयकर अजय आनंद हाट सीट पर पर पहुंचे। बिग-बी अमिताभ बच्चन ने एक के बाद एक उनसे सवाल पूछे। 25 लाख की राशि जीतने के साथ ही उनकी चारों लाइफ लाइन समाप्त हो गई। हालांकि हर सवाल का उन्होंने काफी सोच-समझकर जवाब दिया। गुजरात से संबंधित एक सवाल पर अजय आनंद थोड़ा विचलित हुए। ऐसे में बिग-बी ने उनसे जवाब को कंफर्म किया। इतने में ही आनंद ने जबाव पलटते हुए केशू भाई बोला जबकि इससे पहले वह सवाल का जवाब शंकर सिंह बघेला दे चुके थे। केशू भाई पटेल सही जवाब होने पर वह अगले सवाल की ओर बढ़ गए। 50 लाख के सवाल कि 1926 के निबंध बनारस को 20वीं शताब्दी में किस लेखक ने लिखा? पर अमिताभ बच्चन ने कहा कि आपसे पास समय ही समय है। सोच-समझकर जवाब दीजिए। काफी सोचने के बाद उन्होंने क्विट कर दिया। अमिताभ बच्चन ने बाद में सवाल का सही जवाब बताया एलहंस हक्सली। इसी के साथ शो का हूटर बज गया।

    इस साल में खुदाया कहीं कुछ बुरा न हो

    देवबंद : साहित्य समागम संस्था के तत्वावधान में एक शाम नए साल के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शायरों व कवियों ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से नए साल का स्वागत किया।

    लाल मस्जिद स्थित संस्था के कार्यालय पर हुए कार्यक्रम में डा. शमीम देवबंदी ने कुछ यूं कहा, साल-ए-नो मुबारक खुशियां मिले हजार, महके सारा गुलशन महके ये संसार। चांद देवबंदी ने पढ़ा, नया फिर साल आया है मगर तुमसे जुदा होकर, मुबारकबाद दूं किसको, गले किसको लगाऊं मैं। डा. सादिक देवबंदी ने पढ़ा, खुशियां मिले सभी को कोई गमजदा न हो, इस साल में खुदाया कहीं कुछ बुरा न हो। डा. पुष्पेंद्र कुमार ने कहा, कितना सुंदर कितना प्यारा नए साल का मौसम, नई-नई सी जीवन धारा, नए साल का मौसम। नूर देवबंदी का अंदाजे बयां कुछ यूं था, तुम गुरूर मत करना शोहरतों के परचम पर, नूर क्या भरोसा है शबनमी बहारों का। नदीम अनवर के इस शेर, पहले दिल मां-बाप का तोड़ा जाता है, फिर भाई घर का बंटवारा करते हैं, ने श्रोताओं की खूब दाद बटोरी। समाजसेवी डा. एसए अजीज, मुमताज अहमद, डा. दिलशाद अहमद, फैसल नूर शब्बू, डा. उसामा, डा. नौशाद अली, डा. अजीम, नवेद अंसारी, फहीम खान, साजिद, यासिर, अनुज, अंकित आदि मौजूद रहे। ---

    कवयित्री रश्मि शाक्य के सम्मान में गोष्ठी

    संवाद सहयोगी, देवबंद : कवयित्री एवं युवा रचनाकार रश्मि शाक्य को वाराणसी में साहित्य संघ के 29वें वार्षिक अधिवेशन में सेवक स्मृति साहित्य सम्मान दिए जाने पर रचनाकारों ने हर्ष जताया है। इस उपलक्ष्य में गुरुवार को गोष्ठी का आयोजन भी हुआ। जिसमें कवियों ने सुंदर काव्य पाठ कर श्रोताओं की जमकर वाहवाही लूटी। गोष्ठी में डा. दिवाकर गर्ग ने पढ़ा, बूढा बचपन नम आंखों से कहीं जवानी ढूंढ रहा है, कूड़े के ढेरों के भीतर रोटी पानी ढूंढ रहा है। प्रांशु जैन ने अपने काव्य पाठ में कहा, एक दिन वो मुस्कुराते तन्हा रात में निकले, अजब इत्तेफाह हुआ दो चांद साथ में निकले। प्रहलाद सिंह सांसिया ने पढ़ा, नई खुशियां हैं नई रंगत नई बहार है आई, आओ सब मिलजुल कर करें 2020 की विदाई। बलराज मलिक ने पढ़ा, सरहद पर मिटने वालों को करता याद जमाना है, देश की खातिर गोली खाये ये कैसा दिवाना है। योगेंद्र सुन्दरीयाल के इस काव्य पाठ, कडवा न लगे है, मगर मीठा नहीं होता, एहसान ज्यादा कभी अच्छा नहीं होता, पर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई। संस्था के अध्यक्ष गौरव विवेक ने कहा कि कवियत्री रश्मि शाक्य को मिला सम्मान समस्त साहित्य जगत का सम्मान है। इससे साहित्यकारों का मनोबल बढता है। इस मौके पर कुणाल शर्मा, प्रधान शर्मा, आदेश चैहान, रजत शर्मा, प्रियांशू, अरविद कुमार, रीतिश कुमार आदि मौजूद रहे।