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    इ1327 की आबादी पर एक पुलिसकर्मी, यह है सहारनपुर पुलिस की तस्वीर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 14 Feb 2021 10:45 PM (IST)

    वैसे तो प्रदेश के लगभग हर जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। सहारनपुर में भी पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। आबादी के अनुसार देखा जाए तो एक पुलिसकर्मी 1327 लोगों की सुरक्षा में लगा है। वर्तमान में जिले की लगभग 40 लाख आबादी है जबकि पुलिसकर्मी मात्र 2971 है।

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    इ1327 की आबादी पर एक पुलिसकर्मी, यह है सहारनपुर पुलिस की तस्वीर

    सहारनपुर, जेएनएन। वैसे तो प्रदेश के लगभग हर जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। सहारनपुर में भी पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। आबादी के अनुसार देखा जाए तो एक पुलिसकर्मी 1327 लोगों की सुरक्षा में लगा है। वर्तमान में जिले की लगभग 40 लाख आबादी है, जबकि पुलिसकर्मी मात्र 2971 है। नियम के अनुसार जिले में 4431 पुलिसकर्मी तैनात होने चाहिए। अभी भी 1460 पुलिसकर्मियों की कमी चल रही है। यदि दिल्ली एनसीआर की बात करें तो वहां पर एक पुलिसकर्मी 400 से लेकर 600 लोगों की सुरक्षा करता है। पुलिस का ऐसा कोई पद नहीं है, जिसकी जिले में कमी न हो। आइए नजर डालते हैं इस रिपोर्ट पर : इंफोग्राफिक

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    किस रैंक के कितने पुलिसकर्मी जिले में हैं तैनात

    2971 - कुल पुलिसकर्मी जिले में वर्तमान में हैं तैनात

    4431 - पुलिसकर्मियों की जिले में है जरूरत

    1460 - पुलिसकर्मियों की जगह खाली

    40,00000 - जिले की आबादी

    22 - थाने जिले में हैं

    50 - इंस्पेक्टर हैं जिले में तैनात।

    52 - इंस्पेक्टर जिले में होने चाहिए।

    02 - इंस्पेक्टरों की जरूरत।

    344 - दारोगा वर्तमान में जिले में हैं तैनात।

    573 - दारोगा की तैनाती जिले में होनी चाहिए।

    229 - दारोगा जिले में वर्तमान में चल रहे कम।

    624 - हेड कांस्टेबल जिले में वर्तमान में हैं तैनात।

    877 - हेड कांस्टेबल जिले में होने चाहिए।

    253 - हेड कांस्टेबल की चल रही है कमी।

    1953 - कांस्टेबल की वर्तमान में है तैनाती।

    2929 - कांस्टेबल जिले में होने चाहिए।

    976 - कांस्टेबलों की चल रही है कमी। एक-एक दारोगा पर 30 से 35 विवेचना

    जिले में मात्र 344 दारोगा तैनात हैं, जबकि मुकदमों का बोझ अधिक है। यही कारण है कि एक-एक दारोगा को 30 से 35 मुकदमों की विवेचना करनी पड़ती है, जिस कारण मुकदमे में जल्द कार्रवाई नहीं हो पाती। कोर्ट में चार्जशीट नहीं जा पाती। यदि दारोगा पूरे हों तो एक दारोगा को विवेचना भी कम करनी पड़े और लोगों को समय पर इंसाफ भी मिल जाए। पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियों की कमी चल रही है। समय-समय पर पुलिसकर्मियों की मांग की जाती रहती है। कभी मिल जाते हैं तो कभी नहीं मिल पाते।

    डा. एस चन्नपा, एसएसपी