दुर्लभ औषधियों की खोज करेगी गांधी ग्लोबल फेमिली
बेहट (सहारनपुर) : संयुक्त राष्ट्र के साथ शिक्षा, रोजगार, शांति एवं पर्यावरण के क्षेत्र में साझा का
बेहट (सहारनपुर) : संयुक्त राष्ट्र के साथ शिक्षा, रोजगार, शांति एवं पर्यावरण के क्षेत्र में साझा कार्यक्रम चला रही अंतर्राष्ट्रीय संस्था गांधी ग्लोबल फेमिली के उपाध्यक्ष व पदमश्री विभूषित एसपी वर्मा ने अपनी टीम के साथ मिर्जापुर स्थित ग्लोकल यूनिवर्सिटी का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि शीघ्र उनकी संस्था शिवालिक क्षेत्र में दुर्लभ औषधियों की खोज करेगी। ग्लोकल यूनिवर्सिटी में बकायदा संस्था की ओर से एक शोध केन्द्र विकसित कराया जाएगा। इसमें औषधि व वैज्ञानिक सहयोग संस्था ही देगी।
एसपी वर्मा ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी की आधुनिक प्रयोगशालाओं, शोध केन्द्र व छात्रावास का निरीक्षण करने के बाद यूनिवर्सिटी सभागार में चांसलर हाजी मोहम्मद इकबाल, प्रो. चांसलर मोहम्मद वाजिद इकबाल, वीसी बीएल रैना, विभागाध्यक्षों व विषय विशेषज्ञों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि भारत में शिशु मृत्यु, कुपोषण व अन्य असामाजिक मौतों की दर बहुत अधिक है, जबकि भारत के पास हिमालय जैसी ऐसी धरोहर है, जहां विश्व की दुर्लभ औषधियों का भंडार है। अब जरूरी है कि इस भंडार का प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्लोकल यूनिवर्सिटी शिवालिक की तलहटी में स्थित है। इसलिए इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से इन जड़ी-बूटियों को तलाश कर उनसे दवाई बनाई जा सकती है। यह दवाई शिशु मृत्यु, कुपोषण व अन्य सामाजिक मौत की दर को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अब संस्था ग्लोकल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैज्ञानिक सुविधाओं को भी मुहैया कराने का काम करेगी। ऐसे वैज्ञानिक तैयार किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था पिछले कई दशक से संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न प्रोग्राम में पार्टनर है। अब ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी हमारे साथ कदम मिलाकर उसी स्तर पर काम करेगी, जिससे यूनिवर्सिटी का अपने छात्र-छात्राओं को विश्व स्तरीय शिक्षा व तकनीक दिलाने का सपना साकार हो सके। चांसलर हाजी मोहम्मद इकबाल ने कहा कि हम हर उस संगठन अथवा संस्था के साथ जुड़ कर काम करने के लिए तैयार जो हमारे छात्र-छात्राओं को आधुनिकतम शिक्षा और उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि जो प्रतिभा साधनों के अभाव निखर नहीं पाती है। ग्लोकल यूनिवर्सिटी ऐसे छात्र-छात्राओं को सुविधा उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित बनाना भी हमारी प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए महिला फैकल्टी भी नियुक्त की जा रही है। परिचर्चा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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