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    ये शहर इतना ज्यादा उदास तो नहीं था

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    Updated: Wed, 30 Jul 2014 02:28 AM (IST)

    सहारनपुर : गुरुद्वारे और कब्रिस्तान के बीच जमीन का क्या विवाद है, ये वो नन्हें-मुन्ने बच्चे नहीं जानते जिनके लिए ईद खुशियों का त्यौहार है। नए कपड़े और शीर की मिठास का त्यौहार है। वे कुछ समझ पा रहे थे,कुछ नहीं समझ पा रहे थे। ईद पर न तो मिठाइयों की दुकानें सजी, न ही युवाओं को मौज मस्ती का मौका। क‌र्फ्यू के दौरान सूनी पड़ी गलियों में सन्नाटा फुफकारता रहा। प्रशासन ने ईद के त्यौहार के मद्देनजर पुराने शहर में सुबह 7 बजे से 11 बजे तक क‌र्फ्यू में छूट दी थी। करीब पौने 9 बजे ईद की नमाज हुई। ईद के दौरान शहर के हालात पर एक रिपोर्ट..

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    सुबह 10 बजे

    पुरानी मंडी, मछियारान, बंजारों के पुल पर एक टिक्की गोल गप्पे की रेहड़ी खड़ी थी जिस पर छोटे छोटे बच्चों की भीड़ जमा थी। एक तख्त पर बैठ भंट्टी पर उड़द की दाल के भल्ले तले जा रहे थे। कोने में रेहड़ी पर बिरयानी बिक रही थी। दो मिठाई की दुकानें लगी थीं, लेकिन ग्राहक नदारद थे। राघड़ों के पुल पर भी कोई दुकान नहीं खुली थी।

    सुबह 10:15 बजे

    ईद पर भीड़ से भरा रहने वाला पुल कंबोहान, आतिशबाजान, सराय मर्दान अली, इस्लामियां कालेज रोड, रायवाला, झोटे वाला, लक्खी गेट आदि वीरान थे। एक भी दुकान नहीं खुली थी। खाने पीने का सामान तक नहीं बिक रहा था।

    सुबह 10:30 बजे

    अरबी मदरसा क्षेत्र में चंद दुकानें खुली थी जिनसे लोग राशन व दूध खरीद रहे थे। खाने पीने की सभी दुकानें बंद थी, चाय तक की दुकान नहीं खुली थी। ऐसी ही स्थिति, चिलकाना रोड, मुन्ना लाल कालेज, आजाद कालोनी, मंडी समिति रोड, आली की चुंगी, पीर वाली गली, आदि क्षेत्रों की थी।

    सुबह 10:45 बजे

    62 फुटा रोड, एकता कालोनी, नदीम कालोनी, इस्लामाबाद, खाताखेड़ी, जन्नत कालोनी आदि में कोई दुकान नहीं खुली थी तथा लोग ईद की नमाज के बाद अपने मकानों की छतों से झांक रहे थे। सुबह 11 बजे तक पूरे इलाकों में सन्नाटा पसर गया था तथा लोग अपने अपने घरों में दुबके पड़े थे।

    ईदी से महरूम रहे बच्चे

    ईद पर बच्चों को ईदी व घूमने फिरने की बड़ी चाह रहती है। यह पहला मौका है जब बच्चे तो क्या बड़े भी ईद पर घर से नहीं निकल पा रहे है। हाजी शाह कमाल के मजार व बाबा लाल दास के बाड़े पर लगने वाला ईद का मेला भी इस बार नहीं लगा। मायूस हुए छोटे बच्चे, ईदगाह पर नहीं दिखाई दी इत्र की खुशबू, शीर के लिए नहीं मिला दूध लोग रहे परेशान।